tag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post1330261717837229114..comments2023-11-03T18:16:55.887+05:30Comments on जाले: अनाम के नाम पुरुषोत्तम पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/01590298232558765226noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-71872150629917790152012-10-06T20:48:28.194+05:302012-10-06T20:48:28.194+05:30हालात भले ही सामान्य से हैं पर एक नारी मन की पीड़ा ...हालात भले ही सामान्य से हैं पर एक नारी मन की पीड़ा ,उसका अकेलापन और उस की बेबसी की कहानी .....लघुकथा के रूप में बहुत अच्छी बन पड़ी है .....Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-32628477336785842462012-09-27T22:24:58.865+05:302012-09-27T22:24:58.865+05:30नारी मनोविज्ञान का बहुत मार्मिक चित्रण.
सब का ध्या...नारी मनोविज्ञान का बहुत मार्मिक चित्रण.<br />सब का ध्यान रख कर सारे कर्तव्य पूरे कर देगी ,अंत में एकाकी जीवन बिताना शेष रहेगा जिसे नियति मान कर स्वीकार कर लेगी पर ,मन का ऊहापोह पीछा नहीं छोड़ेगा .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-12767752171906121302012-09-27T19:07:20.171+05:302012-09-27T19:07:20.171+05:30नारी मन की विवशता का बहुत मर्मस्पर्शी चित्रण...नारी मन की विवशता का बहुत मर्मस्पर्शी चित्रण...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-15341080882181174262012-09-27T15:27:50.132+05:302012-09-27T15:27:50.132+05:30shayed pahli baar apke blog par aayi hun aur apko ...shayed pahli baar apke blog par aayi hun aur apko padha...apki lekhni se prabhavit hue bina nahi rah paya ye mastishk aur jhat se khud ko blog follower bana liya.<br /><br />bahut prabhav chhodti kahani. अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-43287973929383804822012-09-27T14:06:55.772+05:302012-09-27T14:06:55.772+05:30पूरी कहानी सामान्य हालातों के तहत चलती है पर अंत ....पूरी कहानी सामान्य हालातों के तहत चलती है पर अंत .....अचानक मन से निकलता है ..ओह..<br />परिस्थिति और परिवेश के बीच मन की अवस्था का सुन्दर चित्रण.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-38540785843878316102012-09-27T12:38:11.173+05:302012-09-27T12:38:11.173+05:30 एक नारी के जीवन और उसकी मनोदशा को बखूबी उकेरा है।... एक नारी के जीवन और उसकी मनोदशा को बखूबी उकेरा है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-18802135107563275282012-09-27T07:09:42.655+05:302012-09-27T07:09:42.655+05:30परिस्थितियों के अधीन नारी मन की विवशता का अच्छा चि...परिस्थितियों के अधीन नारी मन की विवशता का अच्छा चित्रण किया है आपने Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-44587063689234747062012-09-24T10:04:32.720+05:302012-09-24T10:04:32.720+05:30सच है
एक तरफ
मैं अकेली
दूसरी और
बहुत सी डोर
इतन...सच है <br />एक तरफ <br />मैं अकेली <br />दूसरी और<br />बहुत सी डोर<br />इतने खिंचाव में<br />भी अव्यवस्थित<br />नहीं होना <br />सपने छोड़<br />देना यूँ ही<br />आसपास अपने<br />तितलियों की<br />तरह उड़ने <br />के लिये <br />सब के बस<br />में तो नहीं !<br /><br /><br />सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-58913444957111018902012-09-24T08:59:07.892+05:302012-09-24T08:59:07.892+05:30इस अन्तहीन अंधी गुफा में बड़े खिंचाव के साथ आगे खी...इस अन्तहीन अंधी गुफा में बड़े खिंचाव के साथ आगे खींचती चली जा रही हूँ. अत: तुमसे कहना है कि तुम मुझसे कोई लगाव मत रखो अन्यथा तुम भी इसी अंधी गुफा में समा जाओगे....<br /><br />yeah...it happens...<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-86325538629657604692012-09-23T13:01:09.822+05:302012-09-23T13:01:09.822+05:30वाह!
आपकी इस ख़ूबसूरत प्रविष्टि को कल दिनांक 24-09...वाह!<br />आपकी इस ख़ूबसूरत प्रविष्टि को कल दिनांक 24-09-2012 को <a href="http://charchamanch.blogspot.in" rel="nofollow"><b> सोमवारीय चर्चामंच-1012</b></a> पर लिंक किया जा रहा है। सादर सूचनार्थ<br />चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-7772240623778750282012-09-23T09:29:23.566+05:302012-09-23T09:29:23.566+05:30
इस सार्थक पोस्ट के लिए बधाई स्वीकारें.
<br />इस सार्थक पोस्ट के लिए बधाई स्वीकारें.<br />S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-55358425741004040282012-09-23T07:54:37.434+05:302012-09-23T07:54:37.434+05:30समय एक झोंका देकर चला जाता है, हारने वाले को निगल ...समय एक झोंका देकर चला जाता है, हारने वाले को निगल जाता है, जीतने वालों को प्रलोभन देता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-91474104244449653442012-09-23T07:10:37.102+05:302012-09-23T07:10:37.102+05:30बहुत ही सत्य कथा सा सामाजिक प्रसंग .आज ये बहुत आम ...बहुत ही सत्य कथा सा सामाजिक प्रसंग .आज ये बहुत आम हो रहा है .महत्वकांक्षा सेहत से कीमत वसूल रही है .जीवन की धारा आकस्मिक तौर पे बदलने लगी है आये दिन इसके साथ मेरे साथ तेरे साथ .इसलिए मेरे भाई चल आराम से चल .थोड़ा कहा ज्यादा चल .बहुत बढ़िया प्रस्तुति पाठक को सोख लेती है पूरी तरह .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com