tag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post7145427892530766468..comments2023-11-03T18:16:55.887+05:30Comments on जाले: ये क्या हो रहा है?पुरुषोत्तम पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/01590298232558765226noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-24064530567912569602013-10-10T14:36:14.383+05:302013-10-10T14:36:14.383+05:30लोगों के अपने हाथ में रिमोट कंट्रोल तो होता ही है।...लोगों के अपने हाथ में रिमोट कंट्रोल तो होता ही है। चैनल बदल क्यूं नहीं देते या टीवी देखना मुझे लगता है इतना आवश्यक नहीं है। क्या व्यक्ति-व्यक्ति में ये समझ नहीं है कि वो टीवी की बकवास देख ही क्यूं रहे हैं? वो बकवास चलचित्र देख ही क्यों रहे हैं? रही बात सरकार, सेंसर बोर्ड की तो कुछ दिन पहले आयी एक खबर के मुताबिक सेंसर बोर्ड में चलचित्रों को ओके कहने की जिम्मेदारी ऐसे लोगों के हाथों में हो जो कुछ महिलाओं से छेड़छाड़ और चोरी डकैती में संलिप्त रह चुके हैं। कुल मिला कर ये कहें कि यह सब कुछ सरकारी तंत्र को करना है लेकिन जब वहां पर नासमझ लोग बैठे हों तो जनता के अपने हाथों में अपने को ढालने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। जहां तक टीवी या चलचित्रों की बात है तो यह लोगों के हाथ ही में है कि वे इन्हें देखकर बढ़ावा देना चाहते हैं या इनकी अनदेखी कर समाज और खुद का भला करना चाहते हैं। मैं टीवी नहीं देखता। मेरे घर पर टीवी नहीं है। Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-14038346191736260562013-10-10T12:19:02.041+05:302013-10-10T12:19:02.041+05:30आदरणीय पुरुषोत्तम पाण्डेय जी, पहले यह लोग संगठित न...आदरणीय पुरुषोत्तम पाण्डेय जी, पहले यह लोग संगठित नहीं थे। पर हमारी वर्तमान सरकार ने इन्हे सगठित कर मनमर्जी करने क़ी मानो छूट दे दी है। अगर हम लोग अब भी नहीं जागे तो बहुत देर हो जायेगी। बेहद अच्छे विषय पर विचारणीय आलेख आपका आभार। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03331897204755328396noreply@blogger.com