tag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post1718302203207737628..comments2023-11-03T18:16:55.887+05:30Comments on जाले: भटके हुए लोगपुरुषोत्तम पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/01590298232558765226noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-4746097602981142672012-02-18T21:20:19.314+05:302012-02-18T21:20:19.314+05:30इस कहानी के कथानक में चरित्रों का चित्रण अच्छे बुर...इस कहानी के कथानक में चरित्रों का चित्रण अच्छे बुरे के हिसाब से नहीं किया गया है, ये एक बिलकुल सत्य आधारित कथा है, केवल पात्रों के नाम व स्थानों के नाम बदल दिये गए हैं.आप मित्रों ने इसे पढ़ा और इस पर अपनी टिप्पणी दी, मै आभारी हूँ. धन्यवाद.पुरुषोत्तम पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/01590298232558765226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-71894852101036625512012-02-18T19:30:11.429+05:302012-02-18T19:30:11.429+05:30बहुत बार कसूर किसका है ये तय करना कठिन हो जाता है,...बहुत बार कसूर किसका है ये तय करना कठिन हो जाता है, लेकिन एक बात जो मैंने देखी है कि अकेली स्त्री फ़िर भी संतान को पाल लेती है लेकिन अकेला पुरुष विरले ही यह कर पाने में सफ़ल हो पाता है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-87582484962521505292012-02-18T17:03:23.062+05:302012-02-18T17:03:23.062+05:30सभी को एक दूसरे के मनोभावों की कद्र करनी चाहिए, ना...सभी को एक दूसरे के मनोभावों की कद्र करनी चाहिए, नादान बच्चों की तो और भी ज्यादा, अन्यथा परिणाम कुछ भी हो सकता है. <br />सीखयुक्त कहानी-- आभार.Kewal Joshihttps://www.blogger.com/profile/05259895497389545585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-14004822897963546022012-02-17T20:58:16.514+05:302012-02-17T20:58:16.514+05:30वास्तव में भटके हुए लोग हैं यह इन्हें कौन राह दिख...वास्तव में भटके हुए लोग हैं यह इन्हें कौन राह दिखाए .......Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-31781766087724741812012-02-17T11:10:12.869+05:302012-02-17T11:10:12.869+05:30शुरुआत ही बुरा हो जाने पर अन्त अच्छा होने की सम्भा...शुरुआत ही बुरा हो जाने पर अन्त अच्छा होने की सम्भावना कम ही होती हैचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-45646369830968836802012-02-17T10:37:26.515+05:302012-02-17T10:37:26.515+05:30भटकाव असल में भटकाव नहीं, बस धारा से विपरीत बहना भ...भटकाव असल में भटकाव नहीं, बस धारा से विपरीत बहना भी हो सकता है. पर भटके हुए लोग ये समझ नहीं पाते http://abhyudayahindi.blogspot.comAbhyudayahttps://www.blogger.com/profile/00313405893329011612noreply@blogger.com