tag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post508056461503427769..comments2023-11-03T18:16:55.887+05:30Comments on जाले: न्याय / अन्यायपुरुषोत्तम पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/01590298232558765226noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-32518112730554581162021-05-23T16:55:38.610+05:302021-05-23T16:55:38.610+05:30मान्यवर !'कबिरा खड़ा बाज़ार में' पर आपकी टि...मान्यवर !'कबिरा खड़ा बाज़ार में' पर आपकी टिपण्णी देखी ,अक्सर ये टिप्पणियां लेखन की स्याही बन जाया करती हैं ,हवन सामिग्री भी। आपके संस्मरण बहुत वजनी रहें हैं। और ये उम्र क्या होती है बस आँख से दिखता रहे कान थोड़ा बहुत सुनता रहे ,शरीर तो जाएगा ही जाएगा स्थाई चीज़ है आपका विचार उससे लाभन्वित करते रहें। <br /><br />यहां हर चीज़ का अब भाव है ,आगा पीछा देखने लगा है आदमी सुप्रीम कोर्ट की अति -सक्रियता देख कई कहने लगे हैं एक सुप्रीम कोर्ट कड़गम पार्टी भी बननी। लेखन ज़ारी रखिये। हरे कृष्णा !<br />veeruvageesh.blogspot.com , vageeshnand.blogspot.comvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-24798434649457443082020-11-28T20:41:40.796+05:302020-11-28T20:41:40.796+05:30सम्पर्क टूट गया था। आभार है विभा जी का फ़िर पहुंचा ...सम्पर्क टूट गया था। आभार है विभा जी का फ़िर पहुंचा दिया जाले तक।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-56088832277416684942020-07-26T08:07:04.612+05:302020-07-26T08:07:04.612+05:30धन्यवाद शास्त्री जी, दरअसल अब मेरा लिखना पढना बहुत...धन्यवाद शास्त्री जी, दरअसल अब मेरा लिखना पढना बहुत ही सीमित रह गया है, उम्र का तकाजा है । ये तो कभी-कभी बासी कढी में उबाल आने जैसा है । फिर भी आपकी सलाह शिरोधार्य है ।पुरुषोत्तम पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/01590298232558765226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-52760628491661273952020-07-25T16:59:13.282+05:302020-07-25T16:59:13.282+05:30बहुत सुन्दर।
आप अन्य ब्लॉगों पर भी टिप्पणी किया कर...बहुत सुन्दर।<br />आप अन्य ब्लॉगों पर भी टिप्पणी किया करो।<br />तभी तो आपके ब्लॉग पर भी लोग कमेंट करने आयेंगे।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com