tag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post7949831797913581307..comments2023-11-03T18:16:55.887+05:30Comments on जाले: कटुसत्य - २ पुरुषोत्तम पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/01590298232558765226noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-85976124017094932912013-01-25T17:55:43.581+05:302013-01-25T17:55:43.581+05:30सार्थक एवं कटु सत्य ... आज़ादी के इतने समयांतराल क... सार्थक एवं कटु सत्य ... आज़ादी के इतने समयांतराल के बाद भी ' यह दशा', हमारे नीति निर्धारकों का ही कमाल है।Kewal Joshihttps://www.blogger.com/profile/05259895497389545585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-70277659295220141402013-01-25T13:50:50.895+05:302013-01-25T13:50:50.895+05:30
काल चिंतन इससे आगे और क्या होगा एक शब्द चित्र आपन...<br />काल चिंतन इससे आगे और क्या होगा एक शब्द चित्र आपने भारत बनाम इंडिया का खींच दिया .इंडिया भाग लेता है गणतंत्र दिवस की झांकियों में भारत देखता है .कृपया आजका सेहतनामा ज़रूर पढ़ें .आभार आपकी नित्य टिप्पणियों का .हमारे लिए ताश अखबार सी कीम्तीं हैं आपकी टिप्पणियाँ हर पल कुछ नया देती हुईं .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-60207862718972067462013-01-25T10:06:27.479+05:302013-01-25T10:06:27.479+05:30जिन्हें तो बस पेट की पुकार विकास की अट्टालिकाओं से...जिन्हें तो बस पेट की पुकार विकास की अट्टालिकाओं से अलग किये है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com