tag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post8490461276546544422..comments2023-11-03T18:16:55.887+05:30Comments on जाले: अधूरा मकानपुरुषोत्तम पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/01590298232558765226noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-76431925637477808432012-02-27T13:42:26.060+05:302012-02-27T13:42:26.060+05:30आप सभी मित्रों को इस कहानी पे पठन और समालोचना के ल...आप सभी मित्रों को इस कहानी पे पठन और समालोचना के लिए हार्दिक धन्यवाद.पुरुषोत्तम पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/01590298232558765226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-2148593242274221802012-02-03T23:34:47.281+05:302012-02-03T23:34:47.281+05:30श्रीयुत अमृत लाल नागर द्वारा रचित ’नाच्यौ बहुत गोप...श्रीयुत अमृत लाल नागर द्वारा रचित ’नाच्यौ बहुत गोपाल’ याद आ गया, इसी पृष्ठभूमि पर लिखा गया था।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-14458564563878552102012-01-30T18:12:54.316+05:302012-01-30T18:12:54.316+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति!! बधाईबहुत सुन्दर प्रस्तुति!! बधाईKANTI PRASADhttps://www.blogger.com/profile/03429990046226724610noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-65874868483595464482012-01-30T08:42:09.550+05:302012-01-30T08:42:09.550+05:30bahut sundar. bilkul sajeev chitranbahut sundar. bilkul sajeev chitranAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-13547502735735378802012-01-29T19:18:41.214+05:302012-01-29T19:18:41.214+05:30परिस्थितियाँ इंसान को अपना दास बना ही लेती है शायद...परिस्थितियाँ इंसान को अपना दास बना ही लेती है शायद इसलिए इंसान हमेशा से प्यार का भूखा रहा है जहां प्यार मिले वहीं मन रम जाता है। बहुत अच्छी कहानी समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है बहुत दिन हुए आप आये ही नहीं हो सकता है मेरे ही लेखन में कमी आगई हो शायद मेरी पोस्ट पर आकर मुझे अपने बहुमूल्य विचारों से अनुग्रहित करें धन्यवाद ...Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-67247132143974454712012-01-29T11:41:24.336+05:302012-01-29T11:41:24.336+05:30इंसान परिस्थितियों का दास होता है. उक्त 'अधूरे...इंसान परिस्थितियों का दास होता है. उक्त 'अधूरे मकान' से चरितार्थ हुआ. <br />वास्तविकताओं को झकझोरती सुन्दर कहानी.Kewal Joshihttps://www.blogger.com/profile/05259895497389545585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-52496252464819013912012-01-29T10:14:45.624+05:302012-01-29T10:14:45.624+05:30दादा, यह अधूरे मकान की कहानी नहीं अधूरे समाज की कह...दादा, यह अधूरे मकान की कहानी नहीं अधूरे समाज की कहानी है जो यर्थाथ को छुपा कर जीता चला जा रहा है।Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-91827471971878394502012-01-29T10:11:56.517+05:302012-01-29T10:11:56.517+05:30दादा, सच इतना ही कड़बा होता है और समाज इतना ही निष...दादा, सच इतना ही कड़बा होता है और समाज इतना ही निष्ठुर। जान कर अनजान। पता नहीं क्या है यह पर जो है वह समझ से परे। समाज हमेशा से ऐसा ही है और प्रेम भी। सति और शिव के प्रेम से लेकर आजतक सदियां बीत गई पर यह अबुझ पहेली अबुझ ही है पर मैं तो कहूंगा कि दया ने यह देह की भूख के लिए नहीं प्रेम के भूख के लिए किया। आइना दिखाता एक यथार्थ जो पता नहीं समाज देखेगा या नहीं.....Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-78653307095026743342012-01-28T21:35:04.255+05:302012-01-28T21:35:04.255+05:30प्रेम सब चाहते है,उक्त परिस्थित में एक दिन ऐसा होन...प्रेम सब चाहते है,उक्त परिस्थित में एक दिन ऐसा होना ही था,.विचारणीय प्रस्तुति,<br /><br />welcome to my post <a href="http://dheerendra11.blogspot.com/2012/01/26.html" rel="nofollow">--26 जनवरी आया है....</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-47699643085158525322012-01-28T13:25:19.337+05:302012-01-28T13:25:19.337+05:30ये कहानी एक सत्य धटना पर ही आधारित है. पात्रों व स...ये कहानी एक सत्य धटना पर ही आधारित है. पात्रों व स्थानों के नाम काल्पनिक है, पढने के लिए धन्यवाद.पुरुषोत्तम पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/01590298232558765226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7136111936391784942.post-11131647985777827642012-01-28T11:41:05.768+05:302012-01-28T11:41:05.768+05:30पशु पक्षी भी प्रेम चाहते हैं, मनुष्य की बात ही क्य...पशु पक्षी भी प्रेम चाहते हैं, मनुष्य की बात ही क्या है। कहानी वास्तविक सी ही है।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com