रविवार, 6 सितंबर 2015

चुहुल - ७५

(१)
एक नौजवान शराब के नशे में झूमता हुआ बार के बाहर बैंच पर लेटा हुआ था. एक बुढ़िया ने उसे देखा तो बोली, बेटा शराब मत पिया कर. ये तेरी सेहत के लिए बहुत बुरी चीज है.
शराबी अरे अम्मा, अपना गम गलत करने के लिए पीता हूँ.
बुढ़िया तू अच्छे घर का मालूम होता है. तुझे ऐसा क्या गम है, जिसे भुलाना चाहता है?
शराबी अम्मा तुमको भी कोई गम है क्या?
बुढ़िया अरे बेटा हर किसी को कोई ना कोई गम तो होता ही है.
शराबी तो एक पैग लगाकर देख, खुद मालूम हो जाएगा कि शराब कितनी अच्छी चीज है. लाऊँ तेरे लिए भी?
बुढ़िया ले आ फिर मैं भी देखती हूँ, पर लाना स्टील के गिलास में. लोग देखेंगे तो क्या कहेंगे?
शराबी लड़खड़ाते हुए काउंटर पर गया, और वेंडर से बोला, दो गिलासों में अलग अलग पैग देना. एक स्टील के गिलास में देना.
वेंडर बोला, वो शराबी बुढ़िया आज फिर आ गयी क्या?"

(२)
मुम्बई धारावी की झोपड़पट्टी में रहने वाले एक युवक की शादी की बातचीत वहीं रहने वाली एक लड़की से चल रही थी. एक दिन लड़का टाई लगा कर, स्मार्ट बन कर लड़की से मिलने उसके घर गया. अंग्रेजी का रौब मारते हुए लड़की से बोला, हेलो, इंग्लिश चलेगी क्या?
लड़की शर्माते हुए मुस्कुराई और बोली, प्याज नमकीन के साथ तो देशी भी चलेगी.

(३)
ताऊ मृत्युशय्या पर था. कोई मिलने वाला आया नजदीक जाकर धीरे से ताऊ के कान पर बोला, ताऊ, इब तू राम का नाम ले लिया कर.
ताऊ ने सुन लिया और बोला, इब तो उससे जल्दी ही मुलाक़ात होण वाली है. नाम लेके के करणा है.

(४)
एक बुढ़िया रोज एक नौजवान को एक-दो साबुत बादाम दिया करती थी. एक दिन उसने पूछ लिया, अम्मा कहाँ से लाती हो मेरे लिए ये बादाम?
अम्मा बोली, अरे बेटा ये मेरी चाकलेट में निकलते हैं. चूसती हूँ, पर चबाये नहीं जाते हैं. दात नहीं हैं ना.

(५)
कैलाश अपने पड़ोसी से बोला, भाई साहब कल आपके घर से भाभी जी की नाराजी की आवाजें जोर जोर से आ रही थी. सब खैरियत है ना?
पड़ोसी बोला, क्या बताऊँ? तुम्हारी भाभी को फेसबुक का चस्का लगा है. कल मोबाईल फोन से उसने अपनी फोटो डाली, पर गलती से OXL  में डल गयी. किसी मनचले ने उस पर कमेन्ट कर दिया कि 'इस कबाड़े को कौन ले जाएगा?' मैं उसे पढ़ कर हंस दिया तो वह हो गयी शुरू.
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