मंगलवार, 23 अगस्त 2016

अँधेरे में तीर

कश्मीर समस्या के लिए मोदी सरकार की नीति शुरू से ही अँधेरे में तीर मारने जैसी रही है. इन्होंने वहां की सत्ता में हिस्सेदारी लेने के लिए मुफ्ती की पार्टी, पीडीपी, से जुगाड़ करके एक अपवित्र गठबंधन किया, जबकि चुनाव के समय स्वयं मोदी जी ने ‘बाप-बेटी की सरकार’ के विरुद्ध खुले मंच से हिकारतपूर्ण हुंकार भरे थे. यह भाजपा की अदूरदर्शिता थी, जिसका खामियाजा अब पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है, और आगे आने वाले समय में भी भुगतना पड़ सकता है.

अपनी मुस्लिम विरोधी छवि को धोने के लिए तमाम टोटके मोदी जी ने किये हैं. उनका ‘नवाज़-प्रेम’ इसका एक खुला दस्तावेज है, जबकि पाकिस्तान एक मार खाये हुए जहरीला सांप की तरह है, जो कभी भी भारत का सगा नहीं हो सकता है. उसकी बुनियाद ही भारत के प्रति घृणा और दुश्मनी पर आधारित है. इंदिरा जी के समय के शिमला समझौते से लेकर अटल जी के समय तक जितनी बार भी द्विपक्षीय ‘मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग' साइन हुए, हर बार पाकिस्तान की तरफ से धोखेबाजी हुई है. सच तो यह है कि वहाँ सेना या नामनिहाल लोकतांत्रिक राजनैतिक पार्टी, सबकी रोटी कश्मीर नाम के गरम तवे पर ही सिकती है.

हाल ही में इस्लामाबाद में 74 मुस्लिम राष्ट्रों ने एक स्वर में कश्मीर का राग पाकिस्तान के साथ मिलकर लापा है. जबकि दुनिया यह मान चुकी है कि आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान में ही हैं और फंडिंग से लेकर ट्रेनिंग तक वहां की सरकार/ सेना/ खुफिया एजेंसीज करती रही हैं. यह हमारी विदेश नीति की कमजोरी दर्शाता है.

मुफ्ती एंड कंपनी की पूरी हमदर्दी अलगाववादियों के साथ रही है इसलिए आज जिस अंधे मोड़ पर कश्मीर की समस्या पहुँच गयी है, वहाँ से भाजपा के लिए भी सुरक्षित लौटना संभव नहीं लगता है.

हमारे सुरक्षा कर्मियों पर पत्थरबाजी/ ग्रेनेड हमले निरंतर जारी हैं, कई इलाकों में पिछले 45 दिनों से कर्फ्यू जारी है, जनजीवन अस्त व्यस्त है; सरकार की इससे बड़ी विफलता और क्या हो सकती है?
हाँ, अपनी पीठ खुद थपथपाते रहिये.
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सोमवार, 15 अगस्त 2016

चुहुल - ८०

(१)
अस्पताल के मैटर्निटी वार्ड के बाहर एक आदमी बड़ी बेचैनी से घूम रहा था. किसी मित्र ने पूछ लिया, “क्यों परेशान हो भाई?"
वह बोला, “मेरी पत्नी को चौथा बेटा पैदा हुआ है.”
मित्र ने कहा, “यह तो खुशी की बात है.”
वह बोला, “पर दुःख की बात यह है कि वह चायनीज है.”
मित्र ने पूछा “वह कैसे?”
वह अफसोस के साथ बोला, “मैंने कल ही यू.एन. की रिपोर्ट पढ़ी है कि दुनिया में पैदा होने वाला हर चौथा बच्चा चायनीज होता है.”
 (२)
एक पाकिस्तानी सुन्दरी बनठन कर अपने शौहर से पूछती है, “कैसी लग रही हूँ?”
शौहर बोला “खुदा कसम तुमको हिन्दुस्तान की तरफ फैंकने का मन हो रहा है.”
सुन्दरी बोली, “साफ़ साफ़ क्यों नहीं कह रहे हो कि ‘बम’ लग रही हूँ.

(३)
एक फिल्म डाइरेक्टर एक मोटी सी मॉडल से कहता है, “क्या तुम मेरी नई फिल्म में काम करना चाहोगी?”
मॉडल – किस तरह का कैरेक्टर है?
डाइरेक्टर – बस जलक्रीड़ा करनी है.
मॉडल – फिल्म का नाम क्या है?
डाइरेक्टर – ‘गयी भैंस पानी में.’

(४)
पत्नी – वो आदमी जो दारू पीकर मस्त नाच रहा है, इसे मैंने दस साल पहले रिजेक्ट किया था.
पति – वाह, बड़ा खुशनसीब निकला, अभी तक सेलिब्रेट कर रहा है.


(५)
एक तंदुरुस्त आदमी विकलांग लोगों के लिए रिजर्व सीट में बैठ कर सफ़र करता पाया गया. टी.टी. ने उससे पूछा, “तुम इस सीट पर क्यों बैठे हो?”
आदमी बगल में रखे टोकरी की तरफ इशारा करते हुए बोला, "जी सर, ये मेरे साथ हैं."
टी.टी. – ये तो आम हैं.
आदमी – जी हाँ, ये सभी लंगड़े हैं.
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