(१)
एक सास ने गुस्से के
साथ अपने फ़ौजी दामाद को पत्र लिखा, “मेरी
बेटी को तनहा छोड़ कर तुम सरहद पर मौज-मस्ती करते हो, शराफत से घर आ जाओ. कोई
बहाना बना कर छुट्टी ले लो.”
प्रत्युत्तर में फ़ौजी
ने पार्सल से एक हैंड ग्रेनेड सासू जी को भेजा और साथ में पत्र में लिखा, "आप अकेले में जाकर इस बाल पर लगी पिन को खींच लेना. मुझे तुरन्त छुट्टी मिल जायेगी."
(२)
एक पत्नी अपने पति से
शिकायत कर रही थी, “आप मुझे नाम लेकर
पुकारा करते हो इसलिए बच्चे भी नाम लेकर ही पुकारने लगे हैं.”
पति बोला, “अच्छा अब से मैं तुमको ‘मम्मी’
पुकारा करूँगा.”
(३)
नई नवेली बहू सिसकियां भर रही थी, सास ने हमदर्दी भरे अंदाज में पूछा, “क्यों बहू, क्या बात हो गयी?”
बहू बोली, “क्या मैं चुड़ैल जैसी लगती हूँ?”
सास बोली, “बिलकुल नहीं.”
बहू फिर बोली, “क्या मैं मोटी काली भैंस हूँ?”
सास बोली, “बिलकुल भी नहीं, पर ये तुझसे कहा किसने?”
बहू थोड़ा रुक कर बोली, “ये मोहल्ले की सारी औरतें कह रही
हैं कि मैं बिलकुल अपनी सास जैसी दिखती हूँ.”
(४)
बात द्वितीय विश्वयुद्ध
के दौरान की है. जर्मनी के एक मुर्गी फ़ार्म में अधिनायक हिटलर आया. मुर्गीबाड़े की तरफ
देख कर जोर से बोला, “कल से सभी पक्षी
दो-दो अण्डे रोज देंगे.”
अगले दिन सचमुच सभी मुर्गियों
ने डर के मारे दो-दो अण्डे दे दिये, लेकिन एक पक्षी के पास केवल एक ही अंडा पड़ा था. उससे जब हिटलर ने कारण पूछा तो वह बोला, "सर, मैं
मुर्गा हूँ.”
(५)
सुबह नौ बजे क्लीनिक खुलते
ही महिला मरीजों ने डॉक्टर साहब से शिकायत की, "एक आदमी वेटिंग रूम में हम को घूर रहा है."
डॉक्टर ने तुरन्त उसको
बुलाया और घूरने का कारण पूछा. वह बोला, “आपने ही तो बोर्ड पर लिखा है कि ‘महिलाओं को देखने का समय सुबह नौ से ग्यारह बजे तक है.’"
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