हमारी ये दुनिया अनेक
अजूबों से भरी पड़ी है. अमेरिका (यूनाइटेड स्टेट्स) के जॉर्जिया प्रांत में अटलांटा
शहर के बगल में डीकाल्ब काउंटी में एक एक ही पत्थर से बना एक विशाल पहाड़ है, जो ‘स्टोन
माउन्टेन’ के नाम से प्रसिद्ध है. सन 1996 के ग्रीष्मकालीन
ओलम्पिक खेल इसके नजदीक ही हुए थे.
किसी विशिष्ट जगह को सँवार
कर दर्शनीय बनाने की कला में अमेरीकी लोग माहिर हैं. ये पहाड़ पांच मील के घेरे में 1668 फीट ऊंचा है. स्टोन माउन्टेन (इसे पहले रॉक माउन्टेन भी कहा जाता था) की बस्ती को ‘स्टोन
माउन्टेन सिटी' के नाम से जाना जाता है, जो की अटलांटा-अगस्टा के पुराने मार्ग पर स्थित
है. इस बस्ती की वर्तमान आबादी लगभग 6000 बताई जाती है. इसका पुराना इतिहास बताता है
कि आदिवासियों का ये गाँव 1864 के युद्ध में पूरी तरह उजड़ गया था. बाद में सन 1915 में इसे पुन: बसाया गया.
हर सप्ताहांत स्टोन माउन्टेन
के सामने बनी हुयी लम्बी-चौड़ी दीर्घा पर सैलानियों, दर्शकों, विशेषकर बच्चों की भारी
भीड़ रहती है. ग्रेनाईट के इस पहाड़ पर काट कर एक बड़ा सा चौकोर स्क्रीन बनाया गया है
जिस पर तीन घुड़सवार योद्धाओं की आकृतियां नायाब कारीगरी से बनाई गयी हैं. शाम होते ही
इस स्क्रीन पर डेढ़ घटे का लेजर शो होता है. हजारों की संख्या में लोग हरी दूब पर बैठकर
या लेटकर इसका आनंद लिया करते हैं. इससे पहले, दिन में हाइकिंग करके या रोप-वे द्वारा पहाड़ के शीर्ष पर
जाकर चारों ओर के मनोहारी दृश्य देखे जाते हैं. शीर्ष पर रेस्टोरेंट व अन्य सुविधाएं
मौजूद रहती हैं. वहाँ पर एक ब्रॉडकास्टिंग पॉइंट भी बना हुआ है.
नीचे शहर में क्लब, थ्री-डी थियेटर, गीत-संगीत गाते-बजाते कलाकारों-युक्त रेस्टोरेंट हैं. दुकानों में कलात्मक वस्तुऐं व बच्चों की मनभावन सभी चीजें उपलब्ध रहती हैं. तलहटी में विशाल पार्क है, ताल है, जहां रिवर-बोटिंग होती
है. सबसे मजेदार है यहाँ का सत्रहवीं शताब्दी का रेलवे सिस्टम, जिसमें पुराने डिजाइन के
भाप के इंजन एवं लकड़ी के डिब्बे हैं. रेलगाड़ी दर्शकों को लेकर पहाड़ के चारों और चक्कर
काटकर मुख्य स्टेशन पर लौट आती है. रेल रूट पर घने जंगल व उनके बीच बीच में छोटे स्टेशनों
पर नाचते गाते रंग बिरंगी पोशाकों में यात्रियों का स्वागत करते हुए कलाकारों को देखना
अद्भुत अनुभव होता है. मुझे अपनी पत्नी सहित, अपने परम आदरणीय समधी जी (अब स्वर्गीय)
एल.एम.जोशी जी, बेटी गिरिबाला, दामाद भुवन जी तथा नातिनी हिना के साथ सितम्बर 2006 में इस स्टोन माउन्टेन को देखने का सौभाग्य मिला था. हमारे साथ एक अन्य भारतीय परिवार भी था. ऐसा लगता है मानो कल ही की बात हो.
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