Grapevine: The Christmas Capital of Texas
अभी यहाँ के मुख्य
त्यौहार के आने में १०-१५ दिन शेष हैं, पर उसके स्वागत की तैयारी एक महीने पहले से ही
बड़े जोर शोर से हो रही है. घरों-बाजारों
में अन्दर-बाहर सर्वत्र सान्ताक्लाज छाये हुए हैं. क्रिसमस ट्रीज सितारों से सजे हुए
हैं. शाम होते ही नयनाभिराम नज़ारे सामने आते हैं. क्यों ना हो? यहाँ पर ईसा का धर्म
मानने वालों की जनसंख्या ७५% से अधिक है. यद्यपि ये लोग भी अन्दुरुनी रूप से बंटे
हुए समाज की वजह से उपासना के लिए अपने अपने अलग अलग चर्चों में जाते हैं, पर
पैगम्बर क्राइस्ट के प्रति श्रद्धाभाव व अटूट विश्वास सबका एक जैसा है. पवित्र
धार्मिक ग्रन्थ, बाइबिल, सबके लिए ‘बाइबिल’ है. उसमें कोई विवाद नहीं है.
ग्रेपवाइन शहर डलास का सबर्ब है, जो एक खूबसूरत विकसित शहर है. उसके
डाउन-टाउन (केंद्र) में जो बाजार है, उसे ईस्टर के बाद से ही विशिष्ट ढंग से सजाया
जाता है. क्रिसमस पर यहाँ सारे होटल/इन व रिसोर्ट पर्यटकों से भर जाते हैं. दूर दूर
से लोग यहाँ छुट्टियां मनाने पहुँच जाते हैं इसीलिये इस शहर को ‘क्रिसमस कैपिटल आफ
टेक्सास’ भी कहा जाता है.
अमेरिका में अधिकांश जगह वैसे तो दूर दूर तक कहीं भी आदमजात चलते फिरते नजर नहीं आते हैं, केवल कारों-
मोटर गाड़ियों के काफिले सडकों पर चारों दिशाओं में भागते नजर आते हैं, लेकिन हमने
देखा कि ग्रेपवाइन के व्यस्त बाजार तथा मनोरंजन पार्क में असंख्य लोग अपने
नन्हे-मुन्नों के साथ घूम रहे थे. जिसे देखकर मुझे कोटा का दशहरा मेला याद आ रहा
था; फर्क इतना था कि कोटा में आप धूल धक्कड़ से परेशान हो जाते हैं, परन्तु यहाँ
कोई प्रदूषण नहीं है. बच्चों के लिए झूलों
से लेकर टॉयट्रेन व विविध प्रदर्शनियां, खेल-खिलोने, और लम्बी श्वेत दाढ़ी व लाल नुकीली टोपी वाले बाबा शान्ताक्लाज के जलवे.
इस स्थान का नाम
ग्रेपवाइन इसलिए पड़ा था कि यहाँ सब तरफ अंगूरों की लताएँ हुआ करती थी. सन १८४३ में
यहाँ एक आर्मी कैम्प लगा तभी इसको यह नाम दिया गया. इस शहर से लगा हुआ एक वृहद
आकार का सरोवर है, जो पीने के पानी का स्रोत, मत्स्य-आखेट, तथा जलक्रीडा, व कैंपिंग के लिए
प्रसिद्ध है. एक sea-life aquarium (मछली घर) भी पर्यटकों का आकर्षण है.
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Barring a few cities the larger ones akin to New york ,Washington DC ,Sanfransisco ,Losangileez ,Shicago and a few more the whole US presents a symmetry of people and places .You have given a lucid descriptions of ongoing celebrations which commenced with Thanksgiving Celebrations till the First week of the New year .
जवाब देंहटाएंThank you Sharmaji, since you are also in the U.S.these days, you can better understand and appreciate my articles. Thank you for reading and your comment!
जवाब देंहटाएंSir ,Jaihsrikrishna !kalisantarnopnishad is a structure of 11 Mantras /Shlokas/Texts in all .It highlights the importance of the Mahanatra "hare krishana hare krishnaa, krishnaa krishnaa hare hare
जवाब देंहटाएंHare rama hare rama rama rama hare hare.This Mantra can be chanted any time at any space.It contains the name of God 16 times .The mantras to follow will explain this point .I have read Upnishad this severeal times ,this occured to me ,let me present this in Hindi ,as the copy with me is in English which I procured from ISKCON in an exhibition somewhere at Novai (MI ),several yrs to go now .I shall try to explain in Hindi with my limited perception as it is .Regards veerubhai,51 ,131 ,Upland View St ,Canton (MI )48 188
Sir ,Avocado is a tropical fruit available in India ,I enjoyed this several times in Delhi procuring it from Sarojini Ngar Subzi mundi .Off course it is a little costly .But is available at Mumbai/Chainnai/Kerala/Banglore to name a few where I have stayed a little longer than other places as mentioned.
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