मंगलवार, 5 दिसंबर 2017

अटलांटिक के उस पार - ८

Winstar casino (जुआघर)
टेक्सास राज्य की उत्तर दिशा में ओकलाहोमा नामक राज्य है, वहाँ के कुछ दर्शनीय स्थलों को देखने लिए जब हम डलास से चले तो सर्वप्रथम बॉर्डर पर ही दुनिया का सबसे बड़ा ‘कैसीनो’ मिला, जिसकी स्थापना सन २००३ में हुई और विस्तार २०१३ में किया गया. कहते हैं कि अमेरिका में हर चीज ‘किंग-साईज’ में होती है. यह बात इस कैसीनो पर भी लागू होती है. इतना बड़ा और विविध है कि आप चलते चलते और देखते देखते ही थक जायेंगे.

भौतिकवाद के भोगों से ऊबकर, बहुत से अमरीकी आध्यात्म की ओर रुझान किये हुए हैं इसलिए भारत देश से आये हुए ‘गुरुओं’ की यहाँ बहुत मान्यता है. लेकिन अधिकाँश अमेरिकावासी "eat drink and be merry"  के आदर्श पर चल रहे हैं. यहाँ रिटायरमेंट की कोई उम्र तय नहीं है. जब तक काम कर सकते हो करते रहो. बुढ़ापे के लिए किसी बचत की फ़िक्र नहीं होती है क्योंकि सोशल सेक्युरिटी के तहत वृद्ध जनों के लिए बेसिक जरूरतों की व्यवस्था है. यह इसलिए कि काम करते हुए इनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा सरकार टैक्स के रूप में वसूलती रहती है. कुल मिलाकर यहाँ के नागरिकों की लाइफ स्टाइल हम हिन्दुस्तानियों से बिलकुल अलग है.

अपने देश में जुआ, सट्टा व मटका पूर्णरूप से प्रतिबंधित है, पर यहाँ अमेरिका में ऐसा नहीं है. लास वेगस एक पूरा बड़ा शहर तो जुआघरों के लिए ही प्रसिद्ध है. दूर दूर से शौक़ीन लोग वहां जाकर अपना भाग्य अजमाया करते हैं. कुछ जीतते भी होंगे, पर जुआ तो जुआ है, सभी जुआरी अंतत: ख्वार हो जाते हैं ऐसा कहा जाता है. यह एक लत भी है, और जिनके पास अकूत संपत्ति है, उनके मनोरंजन का साधन भी है.

महाभारत की कथा के मूल में झगड़े की जड़ जुआ ही बताई गयी है, पर तब वह चौपड़ के नाम से कौड़ियों से खेला जाता था. अब दुनिया भर में जो जुआ होता है, वह ताश से लेकर इलैक्ट्रोनिक मशीनों द्वारा नए नए स्वरूपों में खेला जाता है.

विनस्टार कैसीनो एक बड़ी ऊंची व लम्बी-चौड़ी बिल्डिंग में एक छत के नीचे है जिसमें खेलने के लिए ७४०० मशीनें लगाई गयी हैं. खिलाड़ियों (जुआरियों) के पीने+खाने के लिए बीच बीच में रेस्टोरेंट, डाइनिंग हाल, स्पा व बुटीक दिन रात खुले रहते हैं. आकर्षण के लिए विश्व के विभिन्न बड़े शहरों के नाम से ‘प्लाजा’ अलग अलग अंदाज में उनके प्रतीक चिन्हों व कलाकृतियों से सजाये गए हैं. जैसे न्यूयॉर्क में स्टेचू आफ लिबर्टी, पेरिस में एफिल टावर, पेकिंग में ड्रेगन आदि. इंडिया का यहाँ कोई प्लाजा नहीं है.

ये जुआघर चौबीसों घंटे खुला रहता है. बाहर दोनों तरफ हजारों गाड़ियों की पार्किग के लिए खुले मैदान हैं. बगल में विनस्टार होटल की सत्रह मंजिला इमारत है, जिसमें १३९५ कमरे ग्राहकों के लिए उपलब्ध रहते हैं. पीछे इन्हीं का गोल्फ का मैदान है. हमने देखा अनगिनत लोग मशीनों के इर्द सिगरेट व शराब की चुस्कियां लेते हुए मस्त और व्यस्त थे. यहाँ साप्ताहिक पोकर टूर्नामेंट भी होते रहते हैं.

मेरा विशेष आकर्षण बिल्डिंग के चारों तरफ पैंजी के रंग बिरंगे फूलों की क्यारियाँ भी रही. बाहर भी एक अनुपम नजारा था. मैंने अपनी यादगारी के लिए बाहर फूलों के साथ व अन्दर कैसीनो मशीन पर अपनी फोटो अवश्य खिंचवाई है. मुझे इस खेल के तौर तरीकों की  कोई जानकारी नहीं है; हाँ सन १९७२ में मैंने एक रूपये के लाटरी टिकट पर १० रूपये का इनाम अवश्य पाया था, सनद रहे.
***

1 टिप्पणी:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (06-12-2017) को "पैंतालिसवीं वैवाहिक वर्षगाँठ पर शुभकामनायें " चर्चामंच 2809 पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं