जन्मदिन / मजदूर दिवस
समय का पहिया इतनी
तीब्रता से घूम रहा है कि पता ही नहीं चला कि ३६५ दिन यों ही निकल गए हैं. आज फिर
से एक मई आ गया है, पर इस बार का ये एक मई राष्ट्रीय लॉकडाउन के बीच पडा है.
वैश्विक स्वास्थ्य संबंधी आपदाओं और घनघोर धार्मिक असहिष्णुताओं के चलते मन में
कोई उत्साह नहीं है तथा मजदूर दिवस पर तमाम मेहनतकश तबके को हो रही विपदाओं के
समाचारों से बेचैन भी हूँ.
मैं स्वयं ८१ वर्ष
की उम्र पूरे होने पर शरीर व मन से स्वस्थ और संपन्न हूँ. ये मेरे परिजनों मित्रों
– स्वजनों की शुभकामनाओं तथा सद्भावनाओं का प्रताप है कि जीवन के इस अंतिम पड़ाव पर
मैं व्यक्तिगत रूप से हर प्रकार संपन्न हूँ. जीवन की इस लम्बी यात्रा के अंतिम चरण
में मैं गर्व से कह सकता हूँ कि मुझे ‘दाता’ ने सब तरफ से नवाजा है.
मुझे मालूम है की
हर वर्ष की तरह ही मेरे असंख्य मित्रगण औपचारिक रूप से शुभकामनाएं देंगे और मैं
दिल से सभी का धन्यवाद करूंगा.
मैं प्रार्थना करता
हूँ की की ‘मेरे अपने’ सभी लोग अपने परिवारों सहित स्वस्थ, सुरक्षित औए सुखी रहें.
विश्व भर में kovid-19 का जो विषाणु है जल्दी ही उसको नष्ट करने
के प्रयास पूरी तरह सफल हों. एक नई सुबह का आगाज हो और फिर से प्रबल खुशहाली का
प्रकाश हो.
***
मजदूर दिवस को सार्थक करती सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं