(१)
ये अंजुमन वाले आये दिन कोई ना कोई नया मुद्दा लेकर चन्दा वसूलने का
बहाना ढूँढते रहते हैं. इस बार जब मौलवी जी कंजूस कल्लू खां के दर पर रसीद बुक लेकर
आये और बोले, “मियाँ, कब्रिस्तान की चाहरदीवारी करना जरूरी है. हर घर
से हजार रूपये ले रहा हूँ.”
अब दस-पाँच रुपयों की
बात होती तो कल्लू मन मसोस कर दे भी देता. हजार रुपयों की माँग तो नकारनी ही पड़ेगी, सो बड़ी मासूमियत से बोला, “मौलवी साहब, चाहरदीवारी की कहाँ जरूरत आ रही है? ना अन्दर से कोई भाग सकता है और ना बाहर वाला
कोई अन्दर जाना चाहता है.”
(२)
दोस्त बोला, “यार, तुम्हारा कुता तो शेर जैसा दीखता है. क्या
खिलाया करते हो इसे?”
रामू बोला, “ये शेर ही है, पर प्यार के चक्कर में पड़ गया था, सो
शक्ल कुत्ते की बना डाली है.”
(३)
पति – तुम्हारे पिता की जले पर नमक छिड़कने की आदत गयी
नहीं.
पत्नी – क्यों अब क्या कह दिया?
पति – पूछ रहे थे कि “मेरी बेटी के साथ तुम सुखी तो हो ना?”
(४)
एक छोटा बच्चा जिज्ञासावश अपने बाप से पूछता है, “पापा, मुझे
बुद्धि कहाँ से मिली है?"
पापा – "जरूर तुम्हारी मम्मी से मिली है, क्योंकि मेरी
तो मेरे ही पास है.”
(५)
अपनी अति झगड़ालू पत्नी
की मृत्यु के उपरान्त उसका पति अन्तिम संस्कार करके घर लौट रहा था. अचानक मौसम
बहुत खराब हो गया. आसमान में बिजली कड़कने लगी, गड़गड़ाहट शुरू हो गयी, तो वह अपने आप से बोला, “ऊपर जाकर भी शुरू हो गयी है.”
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बढिया ..
जवाब देंहटाएंहा हा।
जवाब देंहटाएंhi hi hi
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