एक पुरानी आम बोलचाल
की कहावत है, "हींग लगे ना फिटकरी, रंग चढ़े चोखा". ऐसा लगता है कि बेचारे हींग को जबरदस्ती इसमें घसीटा गया है क्योंकि रंगने-रंगाने
में हींग की कोई भी भूमिका नहीं होती है. हींग तो भोजन का एक गुणकारी मसाला है, जो
हमारे देस-परदेस में अनंत काल से इस्तेमाल होता आ रहा है. इसमें निहित गुणों की
लम्बी फेहरिस्त है. आयुर्वेद, जिसे पाँचवां वेद भी कहा जाता है, उसमें इसके बारे में वृहद चर्चा है. चरक संहिता ने इसे दमा रोगियों के लिए रामबाण औषधि के रूप में प्रमाणित
किया है. वैसे पेट में गैस व दर्द संबंधी सभी विकारों में इसका प्रयोग बहुत
लाभकारी होता है दाल-सब्जी में हींग का छौंक केवल खुशबू के लिए नहीं, उसकी
गुणवत्ता बढ़ाने के लिए होता है. हमारे यहाँ पंसारी की दूकान पर हींग की पुड़िया या
डिब्बी मिल जाती है, पर शुद्ध हींग हो इस बात की कोई गारंटी नहीं होती. क्योंकि
हींग के व्यापारी शुद्ध हींग को गोंद में मिलाकर मुनाफ़ा कमाया करते
हैं.
हाल ही में
इन्दिरापुरम (गाजियाबाद) के एक पार्क में गुनगुनी धुप सेकते समय, एक "हाथरसी" सज्जन से मेरी मुलाकात हुई. उन्होंने बताया कि हाथरस में हींग की मंडी है. युगों से वहीं
से इसका वितरण पूरे देश में होता रहा है. हाथरस की हींग के बारे में उसी तरह
प्रसिद्धि बताई जिस तरह हापुड़ के पापड़, मथुरा के पेड़े, अलीगढ़ के ताले, आगरा का पेठा, लखनऊ की
गजक, अल्मोड़े की बाल मिठाई, बनारस की साड़ी, आदि, अनेक शहरों के साथ जुड़े हुए उपमान
हैं. हालाँकि कई कारणों से अब ये विशेषण गायब होते जा रहे हैं.
प्यारेलाल हाथरसी ने
बताया कि वे स्वयं बैंक आफ इलाहाबाद के कर्मचारी थे, लेकिन हींग का व्यवसाय उनका पुश्तैनी धंधा रहा है. बातें करते करते उन्होंने अपने झोले में से हींग की 50 ग्राम
की पॉलिथीन पैकेजिंग के पाउच बाहर निकाला और बताया कि ‘नो
प्रॉफिट- नो लॉस’ के सिद्धांत पर हींग बेच कर मित्रता बढ़ाते रहते हैं. यहाँ वे एक अंतर्राष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत अपने पुत्र के पास
आया जाया करते हैं. उन्होंने बातों बातों में कई बार ‘डेबिट-क्रेडिट
बराबर’ जैसे जुमले का इस्तेमाल किये. उनके इस बैंकीय भाषा के
आदतन प्रयोग पर मैंने उनको एक लतीफा भी
सुनाया कि ‘एक बस कंडक्टर शादी के बाद अपनी
सुहागरात की सेज पर चढ़ने से पहले अपनी नवेली वधु से बोला, “थोड़ा
परे हटके बैठो, एक सवारी और इस सीट पर आयेगी”.
बात हींग की हो रही
थी. प्यारेलाल हाथरसी ने एक अच्छे सेल्समैन की तरह मुझे ये महसूस करा दिया कि ऐसा शुद्ध हींग
इस सस्ती दर पर (100 रुपयों में 50 ग्राम) अन्यत्र नहीं मिल सकता है. मैंने अपनी
अर्धांगिनी की सहमति पर उनसे एक पैकेट खरीद भी लिया.
ये तो मुझे मालूम था
कि हींग एक हर्बल उत्पाद होता है, पर इसका उत्पादन कहाँ और कैसे होता है, इसकी
जानकारी नहीं थी. इस बारे में जब इंटरनेट पर खोजा तो मालूम हुआ कि ये सौंफ की तरह ही
दो से चार फुट वाले पौधों से प्राप्त किया जाता है, इसकी खेती ईरान, अफगानिस्तान, बलूचिस्तान, व खुरासान की पहाड़ी
क्षेत्रों में होती है और वहीं से इसका आयात किया जाता है.
हींग स्वाद में बहुत कटु
होता है, इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए गरमी के दिनों में इसका उपयोग कम करना चाहिए. एक घरेलू नुस्ख़ा है कि हींग के साथ सौंठ, कालीमिर्च, छोटी पीपल, अजवाइन, सफेद जीरा,
काला जीरा सब बराबर मात्रा में लेकर घी में भून कर बारीक पीस कर चूर्ण बनाकर सादे पानी
के साथ सेवन करने से पेट के समस्त विकार दूर होते हैं. आयुर्वेद में वर्णित 'हिंग्वाष्टक चूर्ण’ (जो सभी आयुर्वैदिक स्टोर्स पर उपलब्ध होता है) बहुत असरकारक दवा
है. इसलिए कहा जाता है कि हींग केवल मसाला ही नहीं दर्द-निवारक औषधि भी है.
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Heeng ke baare mein kafi gyaanwardhak aur manoranjak post. Likhte rahiye.
जवाब देंहटाएंपुरुषोत्तम जी ,
जवाब देंहटाएंएक बात समझ में नहीं आई कि वह जनाब 2000 / रूपये के हिसाब से हींग बेंच रहे हैं।
साथ ही साथ कह रहे हैं कि नो प्रॉफिट -नो लॉस पर बेंच रहे हैं।
जहाँ तक मेरी जानकारी है , असली हींग लगभग 8000 /- रूपये किलो में मिलती है।
मै कुछ आयुर्वेदिक चूर्ण में डालने के 8000 /- रूपये किलो के हिसाब से खरीदता हूँ।
रस्तोगी मैंने तो आपबीती को शब्दांकित किया है, हींग का वास्तविक बाजार भाव क्या चल रहा है मुझे भी मालूम नहीं है.जो सेम्पल मैंने खरीदा है अभी उसकी गुणबत्ता की जांच नहीं कर पाया हूँ क्योंकि इन दिनों हम घर के बाहर अन्यत्र प्रवास पर हैं.
हटाएंहमने पढ़ा था हर्रा लगे न फिटकरी (हर्र रँगरेज़ी के काम में प्रयोग की जाती है) ,ये हींग कहाँ से आ गई ?
जवाब देंहटाएंआपकी बात सही होगी, मेरे जेहन में इस लोकोक्ति में हींग शब्द बसा था. बहरहाल इस लेख में भी बेचारे हींग को जबदस्ती घसीटा गया है. भूल सुधार के लिए आपका धन्यवाद.
हटाएंमुझे जहाँ तक याद है। एक पंसारी से कहा भाई मुझे असली हींग चाहिये तो उसने कहा कि मिल जायेंगे, लेकिन 65 हज़ार रुपये किलो लगेंगे। मुझे आश्चर्य है कि ऊपर में लिखी बातों से ज्ञात हुआ कि 8000 किलो आपलोग किस हिसाब से बता रहे हैं?
जवाब देंहटाएंअभी फिलहाल 110000 रुपए किलो शुद्ध हीग का भाव चल रहा है चूकी बाजार में आती है वह मिलावट वाली आती है शुध हींग कोई भी नहीं खा सकता
जवाब देंहटाएंशायद आपको भी हींग का भाव पता नहीं हैं ।
जवाब देंहटाएंBhai ji Hathras me kaisi heeng multi h
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