शुक्रवार, 3 मई 2013

चुहुल - ४९

(१)
एक जटाजूट साधूबाबा मथुरा जाने वाली रेलगाड़ी के प्रथम श्रेणी डिब्बे में आ बैठे. टीटीई ने उनसे टिकट माँगा तो वे बोले, “टिकट नहीं है, बच्चा.”
“कहाँ जायेंगे?” टीटीई ने पूछा.
बाबा बोले, “जहाँ कृष्ण का जन्म हुआ था.”
टीटीई ने आर.पी.एफ. के दो जवान बुला लिए और बाबा को अगले स्टेशन पर अपने साथ उतारने को कह दिया. बाबा ने पूछा, “कहाँ लेकर जायेंगे हमको?”
सिपाही बोला, “जेल, जहाँ कृष्ण का जन्म हुआ था.”

(२)
एक दिन एक दंपत्ति के घर का दरवाजा खुला रह गया और मक्खियाँ अन्दर घुस आई. पत्नी ने देखा कि पति ने मक्खी मारने की कवायद शुरू कर दी है तो पूछा, “कितनी मक्खियाँ मार दी हैं?”
वे बोले, “दो नर और तीन नारी मक्खियाँ मार चुका हूँ.
पत्नी ने पूछा, “नर नारी की पहचान कैसे कर रहे हो?”
उन्होंने बताया, “दो बियर की बोतल को चाट रहे थे और तीन टेलीफून पर चिपकी बैठी थी.”

(३)
एक सज्जन सुबह सुबह कुत्ते को साथ लेकर घूमने निकले. रास्ते में एक पुराना परिचित मजाकिया दोस्त मिल गया.
दोस्त दूर से देखकर ही बोला, “इस गधे को कहाँ ले जा रहे हो?”
वे बोले, “गधा नहीं, ये कुत्ता है.”
दोस्त ने चुटकी ली, “मैं आपसे नहीं, कुत्ते से पूछ रहा हूँ.”

(४)
एक पार्टी में एक बेडौल-नखरैल अधेड़ उम्र की औरत अपनी नवेली बहू के साथ आमने सामने बैठी हुई थी. सास ने बहू से ज्यादा मेकअप किया हुआ था.
सास बोली, “वो देखो, एक आदमी मुझे बार बार घूर रहा है.”
बहू ने धीरे से कहा, “मैं उसको जानती हूँ. वह पुराने सामान खरीदने वाला कबाड़ी है.”

(५)
जिला अदालत में फैसला सुनाने से पहले जज साहब ने मुजरिम से पूछा, “तुम पहले भी कभी जेल गए हो?”
जेल शब्द सुनते ही मुजरिम घबरा गया और उसके आँसू निकल आये. रोते हुए बोला, “जी नहीं, मैंने कभी जेल नहीं देखा है.”
जज ने हमदर्दी भरे स्वर में कहा, “कोई बात नहीं, रोते क्यों हो? मैं तुम्हें अभी भेज देता हूँ.”
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