बुधवार, 14 मई 2014

चुहुल - ६४

(१)
एक सज्जन अपने दो बेटों के साथ ड्राईंगरूम में बैठे थे. उन्होंने बड़े बेटे से कहा, "जाओ बेटा, मेरे लिए एक गिलास ठंडा पानी ले आओ."
बेटे ने बड़ी बेरुखी से जवाब दिया, "मैं इस वक्त कुछ जरूरी विषय पर सोच रहा हूँ."
स्थिति का जायजा लेते हुए छोटा बेटा बाप से बोला, "पापा, आप इसको जब भी काम बताते हैं, ये हमेशा टालमटोल करके आपका कहना नहीं मानता. अच्छा होगा आप खुद जाकर फ्रिज से पानी निकाल कर पी आयें और मेरे लिए भी एक गिलास ले आयें."

(२)
गाँव से दादा जी आये तो पोते ने कई दिनों तक स्कूल जाना बन्द कर दिया. एक दिन स्कूल के टीचर को घर की तरफ आते देखा तो दादा पोते से बोले, "जरूर तेरी शिकायत लेकर आ रहे होंगे. तू छुप जा."
इस पर पोता बोला, "दादा जी, मुझे नहीं, आपको छुपना पड़ेगा क्योंकि मैंने अपनी छुट्टी की अर्जी में लिखा है कि मेरे दादा जी गुजर गए हैं."

(३)
एक नेता जी से चुनाव के दिनों में पूछा गया, "अगर आप चुनाव जीत गए तो क्या करेंगे?"
नेता जी बोले, "मुझे तो चिंता इस बात की है कि अगर मैं हार गया तो फिर क्या करूँगा?"

(४)
हमारे समाज में लड़की की शादी के लिए प्राय: ऐसा लड़का ढूँढा जाता है जो खाते-पीते घर का हो, साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाता है कि लड़का 'खाता-पीता' ना हो.

(५)
एक भले मानस ने अपनी वाचाल पत्नी के साथ बाजार में घूमते हुए उससे पूछा, "क्या तुम पान खाना पसन्द करोगी?"
पति के प्यार भरे प्रस्ताव को वह कैसे नकार सकती थी, बोली, "क्यों नहीं? जरूर."
पति ने पान की दूकान से सिर्फ एक पान खरीदा और पत्नी जी को दे दिया. पत्नी ने तुरन्त पूछा, "अपने लिए नहीं लगवाया क्या?"
इस पर पति ने बड़े संयम से कहा, "मेरा मुँह बिना पान के भी बन्द रह सकता है.
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