अमेरिका (USA) का इतिहास बताता है कि उत्तरीय अमेरिका में यूरोपीय लोगों के आने से
पूर्व आदिम आदिवासी लोग (जिन्हे रेड इन्डियन नाम दिया गया)
यहाँ रहते थे. ये आधुनिक सभ्यता की दौड़ में बहुत पीछे थे. यूरोपीय लोगों से
उन्होंने प्रतिरोधात्मक लड़ाई भी लड़ी, पर वे
हार गए, मारे गए अथवा यूरोपीय लोगों के साथ आये बीमारियों के वायरसों से मर गए. अत: बहुत कम संख्या में बच पाए.
इस धरती का यूनान,
मिश्र, रोम, आर्यावर्त या चीन की तरह कोई ऐतिहासिक/पौराणिक इतिहास नहीं है, ना ही
यहाँ कोई किला या राजमहल है. यूरोपीय देश भी अपने अपने कब्जे के लिए लड़ते रहे, और बाद
में समझौते होते रहे. संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय राष्ट्र के रूप में सन १७७६
में स्थापना हुई, जिसमें ५० राज्य हैं. यहाँ अधिकाँश लोग प्रवासी यानि बाहर से आकर
बसे हुए लोगों के वंशज हैं. इन्होंने पिछले ४००-५०० वर्षों में इसे दुनिया का
श्रेष्ठ राष्ट्र बनाया है, जो अपने आप में एक बड़ी कहानी है. अमरीकियों की विशेषता यह भी रही है
की जहां भी प्रकृति के अजूबे मिले, उसे संवार कर दर्शनीय बना डाला है. यहाँ सब कुछ नव निर्मित है.
मैंने यहाँ प्रवास
के दौरान क्षेत्रफल में सबसे बड़े राज्य टेक्सस की राजधानी ऑस्टिन और उसके आस पास
के पर्यटन स्थल देखे. सैन अंटोनियो शहर के निकट जंगल में एक प्राकृतिक गुफा
देखी जिसे ‘Natural Bridge Cavern' नाम से जाना जाता
है. जंगल में खुरदुरे पथरीले मैदान के नीचे जमीन के अन्दर चूना प्रस्तरों की बड़ी दरार है, जो
लगभग ४०० फुट नीचे तक गयी है. उपरी जमीन पर पत्थरों से आर-पार पुल सा बना हुआ है. इस
गुफा की खोज सन १८६० में हुई बताई गयी है. गुफा में आवागमन के लिए गहराई तक एक तीन फुट चौड़ा रास्ता रेलिंग के सहारे
टेढ़े मेढ़े ले जाकर बनाया गया है, जो दूसरे छोर पर खुलता है. चूने का पानी गुफा की
छत से लगातार टपकता रहता है. जिसके जमने से श्वेत रंग के असंख्य स्तम्भ, कलात्मक
आकृतियां और लिंग बने हुए हैं. यह प्रॉसेस लाखों बरस से जारी रहा होगा. विद्युत्
प्रकाश की उपस्थिति में इनकी मनोहारी दृश्यावली अवर्णनीय है. एक घंटे तक गुफा में
गुजरते हुए गाइड बहुत मनोरंजक ढंग से पर्यटकों को उसके बारे में बताता जाता है.
पर्यटकों की सुविधा के लिए गुफा के बाहर रेस्टोरेंट व पिकनिक स्पॉट तथा मनोरंजन के
लिए ‘रोप-वे’ के खेल की व्यवस्था है. गुफा की देखने का टिकट जरूर २3 डालर प्रति
व्यक्ति है.
(२) सैन अंटोनियो
शहर (पूर्व में यहाँ स्पेन का राज्य था जो मैक्सिको की सीमा में था; यह शहर स्पेन के ही प्रसिद्ध सेंट एंटोनियो के नाम से है) बहुत खूबसूरती से बसाया गया है, जिसके बीचोंबीच एक नदी बहती है, जिसे ३० फुट के
चौड़े बंधन में बांधकर नहर का रूप दे रखा है. इसके दोनों तरफ पदयात्रियों के लिए
सपाट १०-१२ फुट चौड़े रास्ते हैं. दोनों तरफ ऊंची ऊंची इमारतें हैं, जिसमें बहुमंजिले होटल हैं, और इसे यहाँ का केंद्र (डाउनटाउन) कहा जाता है.
शाम होते ही चौपाटी
की तरह ये ‘रिवर वॉक’ गुलजार हो उठाता है. विद्युत की जगमगाती लड़ियों से सजे हुए पेड़
तथा पुष्प वाटिकाएं देखकर मन रोमांचित होना स्वाभाविक होता है. नदी में नावें चलती
हैं. नदी पर आर पार जाने के लिए अनेक पुलियायें बनी हुयी हैं. चौड़े स्थानों में
मनोरंजन के लिए आर्केस्ट्रा तथा ऑडियो-वीडियो के अनूठे कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं. इसे कई लोग यहाँ का वेनिस भी
बताया करते हैं.
सब मिलाकर यहाँ के
लोगों का सौन्दर्य बोध का ये एक अद्भुत नमूना है.
अगले अंक में
राजधानी ऑस्टिन के विधान सभा भवन के बारे में पढ़ियेगा.
क्रमश:
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