व्यायाम – परमात्मा
ने मनुष्य शरीर की मशीनरी को इस तरह से रचा है कि जीवित अवस्था में सारे पुर्जे
आटोमेटिकली काम करते रहते हैं.जहाँ जरूरी हुआ वहाँ स्पेयर पार्ट भी दे रखे हैं और
टूट फूट होने पर स्वत: पुन:र्निर्माण की व्यवस्था भी की गयी है. यदि आलस्यबस शरीर को निष्क्रिय छोड़ दिया जाए तो अन्दर जंग लगाने
लगता है और जाम हो जाता है और उम्र घट जाती है.
जो लोग शारीरिक
श्रम नहीं करते हैं उनके लिए व्यायाम करना आवश्यक है, व्यायाम यानि कसरत (शारीरिक
+ मानसिक व्यायाम को योगाभ्यास कहा जाता है) व्यायाम शरीर के अंदरुनी अवयवों,
जोड़ों, व इन्द्रियों को सक्रिय रखने में मदद करता है. इसका उद्देश्य ये है कि जब
तक जिओ स्वस्थ/सुखी रहो.
उम्रदराज लोगों के
लिए सबसे सहज व्यायाम घूमना फिरना बताया गया है. एक सुन्दर सा दृष्टांत मैं अपने
पाठकों को सुनाना चाहता हूँ कि एक ९५ वर्षीय स्वस्थ व्यक्ति से जब किसी ने पूछा की
उनके उत्तम स्वास्थ्य का क्या राज है? तो उन्होंने बताया “मैं अपनी शादी के समय
पत्नी से एक शर्त हार गया था, शर्त के अनुसार मुझे रोजाना ५ किलोमीटर पैदल चलना था
; सो पिछले ७० बर्षों से मैं उस शर्त पर बंधा हुआ हूँ. यही मेरे फिटनेस का राज है.”
उनसे जब पूछा गया कि”आपकी ९० बर्षीय पत्नी भी स्मार्ट लगती है?” तो उन्होंने हंसते
हुए कहा “ अरे, वह नित्य मेरे पीछे पीछे ये चेक करने के लिए चलती रहती है कि मैं ५
किलोमीटर चलने की शर्त निभाने में बेईमानी तो नहीं करता हूँ”.
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