बुधवार, 8 अगस्त 2018

हेल्थ टिप - (५)



पेशाब में जलन – हमारे शरीर में अनेक रासायनिक संयोग हैं, प्रमुखतया इनको दो भागों में बांटा जा सकता है (१)  ऐसिडिक यानि अम्लीय (२) अल्क्लाईन यानी क्षारीय. जब भी हमारे खान-पान में इनका बैलेंस बिगड़ता है हम बीमार पड जाते हैं. पेशाब हमारे शरीर का तरल वेस्ट होता है जिसे गुर्दे (किडनी) खून में से छान कर बाहर का रास्ता बताते हैं. पेशाब में जलन के तीन मुख्य कारण होते हैं :

(१)         ऐसिडिक पेशाब में यूरिक ऐसिड क्रिस्टल्स , कैल्शियम आक्ज्लेट्स आदि बारीक कण ट्रेक पर चुभते हुए, छीलते हुए निकलते हैं तो जलन महसूस होती है; गरम मसाले, लाल मिर्च, पेन किलर् दवाएं, अल्कोहौलिक ड्रिंक्स सभी ऐसिडिक होने से कारक होते हैं. डिहाईड्रेसन यानि शरीर में पानी की कमी होने पर भी ऐसिडिटी बढ़ जाती है. इसलिए पर्याप्त पानी पीते रहना चाहिए. खीरा-ककडी, तरबूज जैसे फल सेवन करने चाहिए. अचार या इस तरह के खट्टे तेजाबी पदार्थों से परहेज करना चाहिए. मेडीकल स्टोर्स पर रेडीमेड अल्क्लाईंन योगिक वाली दवाइयाँ अलग अलग नामों से उपलब्ध रहती हैं जिनको पानी में मिलाकर पीने से तुरंत राहत मिलती है. नीम्बू पानी, खाने का सोडा, फ्रूट साल्ट का उपयोग भी आराम दे देता है.
(२)         गुर्दों में पथरी से घाव हो जाने पर, चोट लगने पर, या अन्य कारणों से संक्रमण हो जाता है,जो पूरे मूत्रमार्ग में फ़ैल जाता है; एलोपैथी में इसे नेफ्राईटिस / UTI  कहा जाता. पथरी की लाक्षणिक चिकित्सा (दवाओं से या सर्जरी द्वारा) करने के साथ ही एंटीबायोटिक्स द्वारा ईलाज किया जाता है. पर ये सब सक्षम चिकित्साधिकारी द्वारा ही संभव होता है. आजकल इस विषय के विशेषज्ञ urologist  लगभग सभी शहरों में उपलब्ध होते हैं उनकी सेवाओं का लाभ लिया जाना चाहिए.
(३)         असुरक्षित यौन संबंधों के कारण VD  यानि गन्होरिया-सिफलिस आदि खरनाक यौन रोग यूरिनरी ट्रेक तथा टिस्यूज को सक्रमित करते हैं जिसका कोई घरेलू ईलाज भी नहीं है. स्वच्छंद यौनाचारी/बैश्यागामी लोग इस भयंकर बीमारी की अपने घर-परिवार तक खुद ही पहुचाते हैं. इसका उपचार लंबा होता है, क्वालीफाईड डाक्टरों से ही  कराना चाहिए.

पेशाब में जलन के लिए उक्त तीनों कारकों के अलावा भी अन्य कारण हो सकते हैं, यदि दुर्भाग्य से ऐसी कोई शिकायत हो जाए तो छुपानी नहीं चाहिए और इलाज में कोताही नहीं बरतनी चाहिए. अब मेडीकल साइंस बहुत एडवांस हो चुका है कोई भी बीमारी लाइलाज नहीं है.

नोट: मेरे ये हेल्थ टिप सीरीज केवल अपने पाठकों की जानकारी हेतु शुरू की गयी है, ये कोई चिकित्सकीय परामर्श नहीं है. आपकी प्रतिक्रया का स्वागत होगा.

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