हैंकी या रूमाल की ज्यादा जरूरत तब पड़ती है जब जुकाम हो जाये, छींकें आने लगें, नाक बहने लगे. आम दिनों में तो रूमाल ज्यादातर जेबों में पड़े रहते हैं क्योंकि आजकल टिश्यू पेपर की उपलब्धता व उसके यूज-एण्ड-थ्रो वाला उपयोग सभी को माफिक आता है.
जुकाम एक कम्युनिकेबल यानि संक्रामक रोग है. कई तरह के वायरस हैं जो वातावरण में घूमते रहते हैं. कहते हैं कि इसका ईलाज दवाओं से करोगे तो एक सप्ताह में ठीक होगा और अगर वैसे ही सुनकते रहोगे तो सात दिन लग जायेंगे. बहरहाल घर में पहले किटटू भैया को जुकाम हुआ, होना ही था, वह होली में पानी से खूब देर तक खेलते रहे थे और उसके बाद शालू का भी बुरा हाल रहा. मम्मी परेशान रही डीकोल्ड टोटल, कोल्डरिन, आदि चालू दवाएँ भी खिलाती रही तथा विक्स वैपोरब की छाती में मालिश करके नरम कम्बल में सुलाती रही. जुकाम से ज्यादा परेशानी बाद में उसकी खांसी से हो रही है.
खैर, ये तो इस बदलते मौसम में घर घर की कहानी होती है. जुकाम से तो बड़े बूढ़े तक ज्यादा परेशान रहते हैं लेकिन वे तुलसी-दल, अदरख, तेजपत्ता की चाय/काढा पी कर लम्बी लम्बी सासें खीचते रहते है. बंद नाक खोलने के लिए नेजल ड्रॉप्स डालते रहते हैं.
कोई खाँसे तो चाची फोरन कहेगी, “एंटीबायोटिक क्यों नहीं देते हो?” अब चाची को कौन समझाये की डाक्टर अँकल ने पिछली बार साफ़ साफ़ कहा था की "जुकाम में कोई एंटीबायोटिक काम नहीं करता है." कुछ लोग तो बेमतलब खुद ही बाजार से एन्टीबायोटिक की गोलियाँ लाकर मामूली जुकाम में खा जाते हैं. ये बहुत खतरनाक भी हो सकता है, पापा ऐसा कहते हैं.
बीमारी की बात छोडो, असल समस्या ये थी कि जुकाम के दौरान रोजाना तीन चार रूमाल धोकर आंगन मे सुखाने डाले गए जो गायब होते रहे. बड़ा ताज्जुब हो रहा था. चोर कुल मिलाकर आठ-दस रूमाल पार कर गया था. मजबूरन पुराने पजामे फाड़ कर नाक पोछने का इन्तजाम करना पड़ा.
मम्मी भी हैरान थी कि आँगन में से रूमाल ले कौन जा सकता है? वह यह भी बताती है कि छोटी गुड़िया निन्नी के ऊनी जुराब भी कोई उठा कर ले गया है. चोर बड़े कपड़ों पर हाथ साफ़ नहीं कर रहा था पापा को अपने काम से फुर्सत ही नहीं रहती है. सुबह-सुबह भाग दौड़ करके अँधेरे में ही निकल जाते है और देर रात घर लौटते हैं. इस इतवार को जब वे डाइनिंग टेबल पर थे तो इस गम्भीर मसले पर उनको जानकारी दी गयी तो उन्होंने सहज में ही कह दिया, “अरे, एक सीसी टीवी कैमरा फिट कर दो, देखो चोर पकड़ में आ जाएगा.” किटटू भैया को बात जम गयी. पापा ने नेशनल इलेक्टॉनिक्स वाले को फोन करके कह दिया कि घर में आकर एक सीसी टीवी कैमरा लगा जाये, सो बात बन गयी.
आँगन में जिस कोण से रूमाल गायब होते रहे थे वहाँ गैंडे की आँख जैसी एक कैमरे की फिटिंग कर दी गयी और अन्दर उसका कनेक्शन टी.वी. पर कर दिया गया. दो नए फूलदार नए रूमाल लाकर कैमरे के फोकस में लटका दिये गए. बहुत उत्सुकता थी कि चोर का पता चल जाएगा. किट्टू और शालू सोफे पर धात लगाए दुबक कर बैठ गए. पन्द्रह मिनट में इनको सचमुच चोर दिख गया, एक मोटी सी गिलहरी कूदते-फाँदते हुए तार पर आई और एक एक करके दोनों रूमालों को अगले पंजों से मोड़-माड़ कर अपने मुँह में दबा कर वापस जाने लगी तो किट्टू और शालू दोनों ही चिल्ला पड़े, "गिलहरी रूमाल ले जा रही है." वे बाहर निकल आये तो गिलहरी पर निगाह रही. उन्होंने मम्मी को बताया कि "एक गिलहरी रूमालों की गड्डी बना कर मुँह में दबाकर आँगन के बाहर अशोक के पेड़ में घुस गयी." मम्मी ने पड़ोसी मनीष चाचा को बुला कर पेड़ से गिलहरी को भगाने को कहा और एक लंबे बाँस से पेड़ के घने पत्तों में छेड की गयी तो दो गिलहरियाँ चिट्-चिट् आवाज करती हुयी पेड़ पर ऊपर की तरफ चढ़ती नजर आई. मनीष चाचा पेड़ पर चढ़ गए. उन्होंने बताया कि वहाँ गिलहरियों ने दो बड़े-बड़े घोंसले बना रखे हैं, एक तो अभी खाली था पर दूसरे में दो छोटे छोटे प्यारे बच्चे हैं जिनकी अभी आँखें भी नहीं खुली थी. मनीष चाचा बता रहे थे कि रूमाल व मोज़े सब घोंसलों के अन्दर बच्चों के लिए नरम बिस्तर के रूप में इस्तेमाल किये गए हैं.
मम्मी ने मनीष चाचा से कहा कि “इनको मत छेड़ना, पाप लगेगा." चोर तो आखिर पहचाने गए पर सब खुश हैं कि उनके घर के सामने अशोक बृक्ष पर गिलहरी ने बच्चे दिये हैं. किट्टू को और शालू को अब अपने रूमाल गायब होने का कोई अफसोस नहीं है.
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very sweet and cute story :)mujhe bhi gilahri,chidia etc ke bachche bade achche lagte hai...
जवाब देंहटाएंsir kya main aapki ye story apne blog par aapke name ke sath post kar sakti hun? kripya
जवाब देंहटाएंp4panchi@gmail.com par reply karen.
दिलचस्प वाकया.. सुन्दर शैली में..... सादर.
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है।
जवाब देंहटाएंचर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं....
आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
सीसी टीवी कैमरे का खर्चा भी वसूल, एक अद्भुत घटना से साक्षातकार हो गया।
जवाब देंहटाएंदिलचस्प
जवाब देंहटाएंवाह!...रुमाल चोर पकड़ा भी गया...बहुत मजा आया!
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