कहाँ से करूँ शुरू,
किस किस को करूँ रूबरू,
एक होता तो हिसाब होता,
लिख लेता तो किताब होता.
आपको तो मालूम है बस एक-एक,
पर मेरी उम्र गुजर गयी सब देख-देख.
किसी को क्यों बनाते हो,
गुनाहों के गवाह,
अपनी गवाही
मैं खुद ही देता आया हूँ.
***
बहुत खूब !!!
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंकहाँ से करूँ शुरू,
जवाब देंहटाएंकिस किस को करूँ रूबरू,
एक होता तो हिसाब होता,
लिख लेता तो किताब होता.बढ़िया प्रस्तुति साक्षी भाव से जीवन को निहारती 'अपनी गवाही मैं खुद ही देता आया हूँ .
प्रस्तुति .कृपया यहाँ भी पधारें रक्त तांत्रिक गांधिक आकर्षण है यह ,मामूली नशा नहीं
शुक्रवार, 27 अप्रैल 2012
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/04/blog-post_2612.html
मार -कुटौवल से होती है बच्चों के खानदानी अणुओं में भी टूट फूट
Posted 26th April by veerubhai
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/04/blog-post_27.html
बहुत सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ....
जवाब देंहटाएंअपनी गवाही तो खुद ही देनी होगी
जवाब देंहटाएंबहुत खूब