मंगलवार, 18 अक्तूबर 2011

उदघाटन महोत्सव


होगनपुरा गाँव के लोग आधुनिक विकास की दौड़ में शामिल हो गए. विधायक भग्गूराम जी ने विधायक निधि से गाँव में सार्वजनिक शौचालय बनाने के लिए दो लाख रूपये स्वीकृत कर दिए ग्राम पंचायत की तरफ से फरमान जारी कर दिया गया कि शौचालय बन जाने के बाद कोई भी ग्रामवासी दिशा जंगल के लिए खेतों की तरफ नहीं जाएगा. 

पांच खण्डों वाला सुलभ शौचालय बन कर तैयार हो गया. सब लोग इसके इस्तेमाल के सपने संजोने लगे. बाहर गाँव से कोई मेहमान आता तो उसको बड़े शौक से इस महानिर्माण के दर्शन कराने के लिए अवश्य अन्दर बाहर घुमाया जाने लगा. देर यों हो रही थी कि भग्गूराम जी ने खबर भेज दी थी कि वे स्वयं आकर इसका उदघाटन करेंगे. उनको लालच था कि इस बहाने वह अपने वोटरों से भी मुलाक़ात कर सकेंगे क्योंकि अगला चुनाव नजदीक ही था.

उदघाटन का दिन-मुहूर्त तय हो जाने के बाद सभापति ने उसको सजाने सँवारने के काम में पूरी ताकत लगा दी. बंदनवार बाँधे गये और शगुन वाले कलश फूल सजा कर रख दिए गए. विधायक महोदय अपनी कार में आये तो उनके साथ कम से कम दो दर्जन कारें और भी आईं. पार्टी के कार्यकर्ता, ठेकेदार लोग तथा अन्य चमचागिरी वाले मुफ्तखोर भी मौके का लाभ लेने के लिए सिमट कर ना जाने कहाँ कहाँ से आ टपके. पाण्डाल में बैठने की जगह कम पड़ गयी. फोटोग्राफर धड़ाधड़ फ्लैश मार रहे थे. जबरदस्त गहमा-गहमी थी.

आखिर वह घड़ी आ ही गयी जिसका लंबे समय से इन्तजार था. लालफीता काटने से पहले विधायक जी का उद्बोधन होना था. पंचायत ने बकायदा माइक का इन्तजाम कर रखा था. लाऊड-स्पीकर पर सुबह से ही टेस्टिंग-टेस्टिंग के स्वर बार बार उभर रहे थे तथा फ़िल्मी संगीत की स्वर लहरी प्रवाहित हो रही थी. श्रोताओं को फिल्म गाइड का ये गाना खूब भा रहा था आज फिर जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का इरादा है. खैर नेता जी ने माइक पर आते ही नारे लगाया भारत माता की जय.उसके बाद उनका धारा प्रवाह उद्घोष इस प्रकार था:

भाइयो बहिनों और बच्चो,
मैं कोई नेताओं में नेता नहीं हूँ. नेताओं में नेता महात्मा गाँधी थे जिनकी समाधि पर लाखों मन फूल चढ़ चुके हैं. फूल भी कई तरह के होते हैं, जैसे चमेली, मोगरा, हजारा और गुलाब. गुलाब की तो बात ही और है. एक गुलाब वो था जिसे नेहरू जी अपनी अचकन पर लगाते थे एक वो होता है जिससे सेंट बनाया जाता है. सेंट की बात आई है तो मैं आपको बताना चाहता हूँ कि सेंट के लिए जर्मनी बहुत प्रसिद्ध है. वैसे जर्मनी और भी बहुत सी बातों के लिए प्रसिद्ध है. जैसे फर्स्ट वर्ल्डवार, सेकण्ड वर्ल्डवार, सोमवार, मंगलवार आदि. अब वार पर बात आई है तो मैं बता दूं कि वारों में वार सबसे तगड़ा वार, शेर का होता है. शेर जंगल का राजा होता है, जैसे दिल हमारे शरीर का राजा होता है. आज कल बड़े लोगों को दिल के दौरे बहुत पड़ते हैं, पर दिल तो एक मंदिर है. हम लोगों को मंदिर के प्रति बफादार रहना चाहिए. वफादारी में कुत्ता सबसे आगे है पर उसकी पूँछ हमेशा टेढी रहती है. आप लोग टेढी  पूँछ को सीधी करने का कोई तरीका सोचिये तब तक मैं आपके शौचालय का उदघाटन करके आता हूँ. सुबह से ही टाईट हो रहा हूँ. पत्रकार व फोटोग्राफर कृपया बाहर ही रहें.
जय हिंद! जय भारत!
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