फूल फूल पर उड़ती तितली
कहाँ है तेरा बसेरा?
कहाँ है तेरा बसेरा?
तू नित्य लगाती फेरा
मन मोहा करती मेरा.
कली कली से पूछ के जाती
कान में भी कुछ कह जाती
कौन है प्रियतम तेरा?
कि कहाँ है उसका डेरा?
कुछ कह-सुन कर है इठलाती
तरह तरह से छेड़ के जाती
प्रिय, खेल अनोखा तेरा
आ, प्यार लिए जा मेरा.
दूर क्षितिज के पार कहीं है
मेरा भी इक मीत सलोना
तू बस उसको याद दिला दे
उपकार बड़ा होगा तेरा.
सुन, भोली-भाली नटखट आँखें
वो, नाम कहेंगी खुद मेरा
खुशबू उसकी चन्दन जैसी
प्रिय, वही तो है प्रियतम मेरा.
***
मन मोहा करती मेरा.
कली कली से पूछ के जाती
कान में भी कुछ कह जाती
कौन है प्रियतम तेरा?
कि कहाँ है उसका डेरा?
कुछ कह-सुन कर है इठलाती
तरह तरह से छेड़ के जाती
प्रिय, खेल अनोखा तेरा
आ, प्यार लिए जा मेरा.
दूर क्षितिज के पार कहीं है
मेरा भी इक मीत सलोना
तू बस उसको याद दिला दे
उपकार बड़ा होगा तेरा.
सुन, भोली-भाली नटखट आँखें
वो, नाम कहेंगी खुद मेरा
खुशबू उसकी चन्दन जैसी
प्रिय, वही तो है प्रियतम मेरा.
***
फूल फूल पर उड़ती तितली
जवाब देंहटाएंकहाँ है तेरा बसेरा?
तू नित्य लगाती फेरा
मन मोहा करती मेरा.
कली कली से पूछ के जाती
कान में भी कुछ कह जाती
कौन है प्रियतम तेरा?
कि कहाँ है उसका डेरा?
बड़े कोमल भाव लिए आई है यह रचना .तितली का मानवीयकरण है यहाँ पर भाई तितलियाँ तो अब शहर में दिखती ही नहीं ,स्वस्थ पारितंत्रों की नींव होतीं हैं तितलियाँ .अब तो शहर गंधाने लगें हैं ,तितलियों को डराने लगें हैं .कैसे उड़ें तितलियाँ ?पाल ही नाव को खाने लगी है .लडकियों को कोख भी डराने लगी है .
भाई जी ... आपके ब्लॉग पर पहली बार आया.. और साना आपके म्न्होहक गीत से हो गया ... तितिली के माध्यम से आपने बहुत कुछ कह डाला ...
जवाब देंहटाएंमेरे भी ब्लॉग पर पधारें .
हर पुष्प छिपा है उसका ठिकाना..
जवाब देंहटाएंकली कली से पूछ के जाती
जवाब देंहटाएंकान में भी कुछ कह जाती
कौन है प्रियतम तेरा?
कि कहाँ है उसका डेरा? ..
मधुर रचना .. तितली ने कह दी पूरी कहानी ...
बहुत खूब ...
खुबसूरत रचना... आभार.
जवाब देंहटाएंमधुर गीत
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