उन सपनों का क्या, जो कभी फलीभूत हुए नहीं,
उन अपनों का क्या, जो कभी अभिभूत हुए नहीं.
न कसमें न वादे, सिर्फ यादें हैं, पर यादों का क्या मोल?
किसी के लिए फिजूल हैं तो किसी के लिए अनमोल.
दुविधा सुविधा की बात नहीं अब तो कोई चाह नहीं.
चाहे- अनचाहे भी सोचें, आगे कोई राह नहीं.
भीड़ भरी दुनिया में जाजम पर कोई ठौर नहीं,
इधर भी मैं, उधर भी मैं, मेरे सिवा कोई और नहीं.
समय को रेशम में लपेट कर रखने का क्या फ़ायदा?
ताम्बूल को प्रेम से चबाकर निगलने का है कायदा.
अभी तो शुरू हुई थी, अब खतम पे है ये जिंदगी,
न गिला है, न शिकवा है, यही है असल बन्दगी.
उन अपनों का क्या, जो कभी अभिभूत हुए नहीं.
न कसमें न वादे, सिर्फ यादें हैं, पर यादों का क्या मोल?
किसी के लिए फिजूल हैं तो किसी के लिए अनमोल.
दुविधा सुविधा की बात नहीं अब तो कोई चाह नहीं.
चाहे- अनचाहे भी सोचें, आगे कोई राह नहीं.
भीड़ भरी दुनिया में जाजम पर कोई ठौर नहीं,
इधर भी मैं, उधर भी मैं, मेरे सिवा कोई और नहीं.
समय को रेशम में लपेट कर रखने का क्या फ़ायदा?
ताम्बूल को प्रेम से चबाकर निगलने का है कायदा.
अभी तो शुरू हुई थी, अब खतम पे है ये जिंदगी,
न गिला है, न शिकवा है, यही है असल बन्दगी.
***
साथ न साया,
जवाब देंहटाएंहाथ न आया,
जो समझा,
वो ही भरमाया।
क्या ले जाना,
क्या था लाया।
समय को रेशम में लपेट कर रखने का क्या फ़ायदा?
जवाब देंहटाएंताम्बूल को प्रेम से चबाकर निगलने का है कायदा.
बहुत खूब .... सुंदर प्रस्तुति
समय को रेशम में लपेट कर रखने का क्या फ़ायदा?
जवाब देंहटाएंताम्बूल को प्रेम से चबाकर निगलने का है कायदा.
अभी तो शुरू हुई थी, अब खतम पे है ये जिंदगी,
न गिला है, न शिकवा है, यही है असल बन्दगी.
बढ़िया रूपकात्मक अभिवयक्ति अनुभव प्रणीत निसर्ग तय निसृत .
बढ़िया रूपकात्मक अभिवयक्ति अनुभव प्रणीत निसर्ग तय निसृत .
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जवाब देंहटाएंसमय को रेशम में लपेट कर रखने का क्या फ़ायदा?
ताम्बूल को प्रेम से चबाकर निगलने का है कायदा.
अभी तो शुरू हुई थी, अब खतम पे है ये जिंदगी,
न गिला है, न शिकवा है, यही है असल बन्दगी.
बढ़िया रूपकात्मक अभिवयक्ति अनुभव प्रणीत निसर्ग तय निसृत .
स्पेम बोक्स से टिपण्णी निकालें .
जवाब देंहटाएंबढ़िया रूपकात्मक अभिवयक्ति अनुभव प्रणीत निसर्ग तय निसृत .
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंअभी तो शुरू हुई थी, अब खतम पे है ये जिंदगी,
जवाब देंहटाएंन गिला है, न शिकवा है, यही है असल बन्दगी.
वाह !! बहुत सुन्दर .