मुझे मालूम था –
‘हमेशा की तरह तुम
इस बार भी
ठीक आधी रात को
मुझे मेरी शीतनिद्रा से जगाओगी.
मैं अर्धमूर्छित सा
अलसाए बदन
गतवर्ष के दु:स्वप्नों को भूलकर
तुम्हारे छुवन से जागृत हो जाऊंगा.
ज्यों पत्रविहीन आड़ू के पेड़ को-
वसंत-वयार की छुवन हो.
वैसे ही छोटे छोटे बैगनी रंग के पुष्प से-
सारे बदन में उग आयेंगे’.
तुमने उसी पुराने अंदाज में कहा
“नववर्ष शुभ हो.”
मैं भी तो यही चाहता हूँ,
"सब शुभ हो-
प्यार ही प्यार हो,
प्यार ही आधार हो,
और खुशियाँ अपार हों."
***
‘हमेशा की तरह तुम
इस बार भी
ठीक आधी रात को
मुझे मेरी शीतनिद्रा से जगाओगी.
मैं अर्धमूर्छित सा
अलसाए बदन
गतवर्ष के दु:स्वप्नों को भूलकर
तुम्हारे छुवन से जागृत हो जाऊंगा.
ज्यों पत्रविहीन आड़ू के पेड़ को-
वसंत-वयार की छुवन हो.
वैसे ही छोटे छोटे बैगनी रंग के पुष्प से-
सारे बदन में उग आयेंगे’.
तुमने उसी पुराने अंदाज में कहा
“नववर्ष शुभ हो.”
मैं भी तो यही चाहता हूँ,
"सब शुभ हो-
प्यार ही प्यार हो,
प्यार ही आधार हो,
और खुशियाँ अपार हों."
***
मंगलमय नव वर्ष हो, फैले धवल उजास ।
जवाब देंहटाएंआस पूर्ण होवें सभी, बढ़े आत्म-विश्वास ।
बढ़े आत्म-विश्वास, रास सन तेरह आये ।
शुभ शुभ हो हर घड़ी, जिन्दगी नित मुस्काये ।
रविकर की कामना, चतुर्दिक प्रेम हर्ष हो ।
सुख-शान्ति सौहार्द, मंगलमय नव वर्ष हो ।।
हर रिश्ते में सिर्फ प्यार ही तो आधार है
जवाब देंहटाएं