झुलस गए हैं बाग-बागीचे
ताल तलैया पपड़ा गए हैं.
संत्रसित हैं चराचर सब ओर
भ्रष्टाचार से घबरा गये हैं,
तो ऐसा होना ही था.
सुदूर दक्षिण में एक त्रिजुगी ठूँठ पर
अमरबेल उग आई है,
अतिबृष्टि, शिशिर और उसके बाद
नए बसंत की क्षेम लाई है,
तो ऐसा होना ही था.
अब फिर दूब अलसाई है
प्रिय अंकुरों की उमंग
हर किसलय को भायी है.
चिरंजीवी रहे ये प्यारा सपना
दिल से ये दुआ आई है
***
ताल तलैया पपड़ा गए हैं.
संत्रसित हैं चराचर सब ओर
भ्रष्टाचार से घबरा गये हैं,
तो ऐसा होना ही था.
सुदूर दक्षिण में एक त्रिजुगी ठूँठ पर
अमरबेल उग आई है,
अतिबृष्टि, शिशिर और उसके बाद
नए बसंत की क्षेम लाई है,
तो ऐसा होना ही था.
अब फिर दूब अलसाई है
प्रिय अंकुरों की उमंग
हर किसलय को भायी है.
चिरंजीवी रहे ये प्यारा सपना
दिल से ये दुआ आई है
तो ऐसा होना ही था.
सिर्फ दुआओं से इंकलाब आ जायेगा
ये संभव भी नहीं है.
कर्म-चेतना-बलिदान चाहिए
ये असंभव भी नहीं था
जो हवाओं का रुख बदलने चले थे
भटक कर अगर फिसल जाएँ
तो ऐसा होना ही था.
सिर्फ दुआओं से इंकलाब आ जायेगा
ये संभव भी नहीं है.
कर्म-चेतना-बलिदान चाहिए
ये असंभव भी नहीं था
जो हवाओं का रुख बदलने चले थे
भटक कर अगर फिसल जाएँ
तो ऐसा होना ही था.
***
ऐसा जब होना ही था,
जवाब देंहटाएंआपा तब खोना ही था।
उम्मीद नहीं थी ... एसा होना ही था,
जवाब देंहटाएंअनबूझी राहों में यों - भटकना भी था.