शुक्रवार, 6 सितंबर 2013

चुहुल - 58

(१) 
पुलिस इंस्पेक्टर सज्जनसिंह से – हमें सूचना मिली है कि आपके घर में विस्फोटक सामग्री है.
सज्जनसिंह – आपकी जानकारी बिलकुल सही है, मगर वह कल ही मायके गयी है.

(२)
हमारे ही एक पडोशी देश में एक जिला अदालत में बलात्कार के जुर्म के केस पर सुनवाई हो रही थी.
बचाव पक्ष का वकील बोला, “मी लॉर्ड, क़ानून की किताब के पेज नम्बर २५ में साफ़ साफ़ लिखा है कि मेरे मुवक्किल पर कोई केस बनता ही नहीं है. इसे तुरन्त बरी किया जाना चाहिए.”
जज साहब गंभीर मुद्रा में बोले, “ये कौन सी किताब है? इसे अदालत में पेश किया जाये.”
किताब पेश की गयी तो पेज नम्बर २५ में एक एक हजार की बीस नोट रखे थे.
जज साहब मुस्कुराते हुए बोले, “बहुत खूब, इस तरह की दो नजीरें और पेश की जाएँ.”

(३)
एक भौंदू लड़के को उसके पिता ने किसी जरूरी काम से शहर भेजा और ताकीद की कि समय का ध्यान रखे ताकि वापसी में रात ना हो जाये.
भौन्दूराम ने दिन में कई बार लोगों से समय पूछा आखिर परेशान होकर सर पकड़ कर बोला, “ये कैसा शहर है, जिससे भी पूछ रहा हूँ अलग अलग टाइम बता कर बेवक़ूफ़ बना रहे हैं.”

(४)
एक लड़की उफनती नदी के पुल पर से कूद कर आत्महत्या करने को तैयार थी. इतने में एक मनचला मोटरसाइकिल पर आया और उससे बोला, “तुम मरने जा रही हो, पर मरने से पहले मुझको एक ‘लम्बा किस’ देकर जाओ.”
लड़की ने उसका सर थाम कर ‘लम्बा किस’ दे दिया.
इसके बाद मनचले ने उससे पूछा, “आखिर तुम मरना क्यों चाहती हो?”
वह बोली, “दरअसल मैं लड़की नहीं, लड़का हूँ. मेरे घर वाले मुझे इस रूप में बिलकुल पसन्द नहीं करते हैं, और डांटते रहते हैं.”
यह सुनकर बेचारा मनचला बेहोश होकर नदी में गिर पड़ा.

(५)
एक व्यक्ति के घर शादी के कई साल बाद, बड़ी मन्नतों से बच्चा पैदा हुआ, लेकिन उसे खुशी नहीं हुई.
किसी मिलने वाले ने बधाई दी तो वह बोला, "बधाई देकर क्यों मेरा मजाक बना रहे हो, यार.”
“क्यों क्या हुआ”? बधाई देने वाले ने पूछा.
तो वह मायूस होकर बोला, “इतने सालों के बाद भगवान ने बच्चा तो दिया, पर क्या बताऊँ, वह बहुत छोटा सा है, और गंजा भी है, ना किसी को पहचानता है और ना बोल सकता है.”
***

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