(१)
जुडवाँ बच्चे अपने कमरे में बैठे थे. उनमें से एक हँस-हँस कर लोटपोट हो रहा था दूसरा मुँह बिगाड़ कर उदास बैठा था. पापा ने आकर हँसने वाले से पूछा, “क्या हो गया?”
जुडवाँ बच्चे अपने कमरे में बैठे थे. उनमें से एक हँस-हँस कर लोटपोट हो रहा था दूसरा मुँह बिगाड़ कर उदास बैठा था. पापा ने आकर हँसने वाले से पूछा, “क्या हो गया?”
वह बोला, “मम्मी ने इसको दो बार नहला दिया है.”
(२)
अमीर आदमी- “मेरे पास गाड़ी है, बंगला है, नौकर है, और फ़ार्म हाउस है. तुम्हारे पास क्या है?”
गरीब आदमी- “मेरे पास एक बेटा है जो आपकी बेटी का ब्वायफ्रेंड है.”
(३)
पत्नी- ऐसा लगता है सामने वाले घर में मियाँ-बीवी के बीच झगड़ा हो रहा है. आप एक बार जाकर देख आइये.”
पति- “मै एक-दो बार गया था, शायद वे इसी बात पर लड़ रहे हैं.”
(४)
पत्नी- “अगर मैं कहीं खो गयी तो तुम क्या करोगे?”
पति “मैं अखबारों में इश्तिहार दूंगा.”
पत्नी- “तुम कितने अच्छे हो. अच्छा बताओ, इश्तिहार में क्या लिखोगे?”
पति- “लिखूंगा कि जहाँ भी रहो खुश रहो.”
(५)
एक पागल व्यक्ति डाक्टर से बोला, “डाक्टर साब, अगर कोई बिना दांत वाला कुत्ता मुझको काटेगा तो आप क्या करेंगे?”
डाक्टर बोला, “कुछ तो करना ही पड़ेगा... बिना सुई वाला इंजेक्शन लगा दूंगा.”
(६)
पत्नी- “जब आप अपना चश्मा उतार देते हो तो बहुत खूबसूरत लगते हो.”
पति- “तुम ठीक कह रही हो. जब मैं चश्मा उतारता हूँ तो तुम भी खूबसूरत लगती हो.”
***
good to read your jokes. I recollect the MHA MOORKH SAMMELAN in Lakheri during Holi.
जवाब देंहटाएंYou still continue the same trail.
Regards
वे सुनहरे दिन थे आपने याद किया बहुत अच्छा लगा, जिंदगी यों ही हंसी-खुशी में बिता दी पता भी नहीं चला कि तीसरा पहर भी जाने वाला है.धन्यवाद, शुभ कामनाएं.
हटाएंवाह भाईसाहब ,इस भागमभाग की जिंदगी में आप जो यह खुल कर हँसानें का काम कर रहे हैं ,सराहनीय है । लाखेरी के तो दिन ही कुछ और थे ।
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