(१)
एक दस साल का बच्चा एक किताब को बड़े गौर से पढ़ रहा था. किताब का नाम था, ‘बच्चों का सही पालन-पोषण कैसे करें’.
माँ ने देखा तो बच्चे से पूछा, “ये पुस्तक तू क्यों पढ़ रहा है?”
बच्चा बोला, “मैं ये जानना चाहता हूँ कि आप लोग मेरा पालन-पोषण ठीक से कर रहे हैं या नहीं.”
(२)
एक छोटी लड़की दूकानदार से पूछती है, “अंकल जी, गोरा होने की क्रीम भी बेचते हो क्या?”
दूकानदार बोला, “हाँ, है.”
लड़की बोली, “तो आप खुद क्यों नहीं लगाते हो. मैं आपके काले-कलूटे चेहरे से डरती रहती हूँ.”
(३)
एक बच्चे ने स्कूल में अपनी अध्यापिका को फोन लगाया, बोला, “मैडम, आज मेरा बेटा स्कूल नहीं आएगा. उसकी तबियत खराब है.”
मैडम ने पूछा, “आप कौन बोल रहे हैं?”
बच्चे जवाब दिया, “मैं अपना पापा बोल रहा हूँ.”
(४)
सविता: “कल मेरा बेटा घर आ रहा है.”
कविता: “पर वह तो जेल में ५ साल की सजा काट रहा था.”
सविता: “हाँ, लेकिन उसके अच्छे व्यवहार के कारण एक साल की सजा माफ हो गयी है.”
कविता: “बहुत अच्छा, भगवान ऐसी औलाद सब को दे.”
(५)
वेतन के चेक मिलने पर एक कर्मचारी मालिक के पास जाकर बोला, “इसमें दो सौ रूपये कम लिखे हैं.”
मालिक बोला, “पिछले महीने जब दो सौ रुपये ज्यादा आये थे तब तो तुमने शिकायत नहीं की?”
कर्मचारी बोला, “ठीक है, वह आपकी पहली गलती थी इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा, पर आप बार-बार गलती करेंगे तो बोलना पड़ेगा.”
***
हा..हा.हा..
जवाब देंहटाएं:))
जवाब देंहटाएंhahaha...:)
जवाब देंहटाएंआपके पोस्ट पर प्रथम बार आय़ा हूं । बड़ा आनंद आया ।.मेरे पोस्ट "भगवती चरण वर्मा" पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंप्रियवर,ये जो चुहुल नाम से चुटकुलों वाला स्तंभ मैंने अपने ब्लॉग में शामिल किया है ये केवल रोचकता बनाए रखने के लिए है. मैं वर्षों से चुटकुले संकलित करता रहा हूँ, अब इसका सही उपयोग हो पाया है. मेरा यह आब्जर्वेसन रहा है कि आम पाठक आजकल गंभीर या साहित्यिक रचनाओं को गंभीरतापूर्वक नहीं पढते हैं क्योंकि उन पर मुझे ज्यादे टिप्पणियाँ नहीं मिल पाती है. शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंbariya chuhal...dada...badhai
जवाब देंहटाएंबढ़िया चुहुल... :)))
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया और मनोरंजक जोक्स हैं सारे ! आनंद आया पढ़ कर !
जवाब देंहटाएं