मंगलवार, 26 जुलाई 2011

सुगंध

न फूल हूँ,
न शूल हूँ,
कली भली न वृक्ष हूँ,
न श्रव्य हूँ न दृश्य हूँ.
बेमौसमी बहार हूँ ,
हर किसी का प्यार हूँ
उड़ चली बयार हूँ
असीम का ही सार हूँ.
  मैं गंध हूँ.
   सुगंध हूँ.
वैध हूँ
पर उम्रकैद हूँ-
किसी के लिए - उम्रकैद हूँ.
मैं सुगंध हूँ.
      ***

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