(१)
एक थे खान साहब. वे बहुत ज्यादा उम्र होने के बावजूद नई दुल्हन पाने के लिए एक दलाल के चक्कर में पड़े, और दलाल ने एक जरूरतमंद महिला के साथ निकाह भी पढ़वा दिया.
खान साहब के मुँह में केवल एक ही दांत बचा था इसलिए नई बेगम के सामने इस बारे में संभलकर ही बात करना चाहते थे. सुहाग की सेज पर बुर्कानशीं बेगम से बात बढ़ाने के मतलब से बोले, “बेगम, दूल्हा तो एकदंता ही भला.”
खान साहब के मुँह में केवल एक ही दांत बचा था इसलिए नई बेगम के सामने इस बारे में संभलकर ही बात करना चाहते थे. सुहाग की सेज पर बुर्कानशीं बेगम से बात बढ़ाने के मतलब से बोले, “बेगम, दूल्हा तो एकदंता ही भला.”
इस पर बेगम ने बुर्का उठा
कर अपना पोपला मुँह खोलते हुए, हामी भरते हुए कहा, “अजी, मुंह में हाड़ का क्या लाड़?’ उसके मुँह में एक भी दांत नहीं बचा था.
(२)
दो गदहों की मुलाक़ात होती
है. कुम्हार का गदहा दुबला-पतला, लेकिन
धोबी का गदहा अच्छा मोटा ताजा था. कुम्हार के गदहे ने अपने मित्र से पूछ ही
लिया, “यार तेरा मालिक तुझे खाना-खुराक भी अच्छा नहीं देता है, और
मारता भी है, पर तू तो फिर भी तगड़ा है, और खुश रहता है?”
धोबी का गदहा बोला, “मेरी खुशी का राज यह है कि मेरा फ्यूचर बहुत ब्राईट है.”
“वो कैसे?”
पहले ने पूछा.
“अरे, मेरा मालिक जब भी अपनी
जवान बेटी को डांटता है तो कहता है कि तेरी शादी किसी गदहे से करूँगा.”
(३)
एक आदमी का घोड़ा बीमार रहने
लगा तो वह उसे वह डॉक्टर के पास ले गया. डॉक्टर ने पूछा “क्या
शिकायत है?”
घोड़े का मालिक बोला, “डॉक्टर साहब, इसने दौड़ना बन्द कर दिया है.”
डॉक्टर ने घोड़े की
जाँच-पडताल की, टेम्परेचर, ब्लड प्रेशर आदि सभी चेक किये और कहा, “इसे
मैं अभी ठीक कर देता हूँ."
डॉक्टर ने घोड़े को एक दवा
की गोली खिला दी. गोली घोड़े के पेट में जाते ही वह जोर से हिनहिनाया और कुलाचे भरते हुए दौड़ पड़ा. घोड़े के मालिक ने काफी
दूर तक उसका पीछा किया पर वह हाथ नहीं आया. वापस आकर उसने डाक्टर को धन्यवाद देते
हुए फीस दी और दवा की दो गोलिया अतिरिक्त
मांगने लगा.
डॉक्टर ने कहा, “अब
अतिरिक्त दवा देने की कोई जरूरत नहीं है.”
घोड़ेवाला बोला, “ये
गोलियाँ मुझे अपने लिए चाहिए. मैं खाऊँगा तभी घोड़े को पकड़ सकूंगा.”
(४)
एक महिला अपने कुत्ते को वैटेनरी डॉक्टर के पास लाई और उसकी दवा लेकर घर चली गयी. थोड़ी देर बाद वह अपने पति को भी
उसी तरह चेन लगा कर खींचती हुई डॉक्टर के पास ले आई. डॉक्टर यह दृश्य देख हैरान हुआ, बोला, “इनको इस तरह चेन लगाकर क्यों लाई हो?”
वह बोली, “डॉक्टर साहब इन्होने गलती से कुत्ते वाली दवा खा ली है.”
डॉक्टर बोला, "अरे इसमें इतना परेशान नहीं होना चाहिए. आदमी और कुत्ते की दवा की डोज में ज्यादा
फर्क नहीं होता है. आप खांमखां इनको चेन लगा कर खीच रही हो.”
वह महिला थोड़ा शरमाते हुए
बोली, “क्या बताऊँ डाक्टर साहब, घर से लेकर आपके अस्पताल के बीच २०
बिजली के खम्भे हैं, और ये हर खम्भे की तरफ कुत्ते की तरह ही लपक रहे थे.”.
(५)
एक लम्बे समय से चल रहा
बीमार आदमी जब स्वस्थ हो गया तो डॉक्टर साहब को धन्यवाद देकर बोला, “डॉक्टर साहब, कभी मैं भी आपके काम आऊँगा.”
डाक्टर साहब ने पूछा, “तुम क्या
काम करते हो?”
वह बोला, “मैं
कब्र खोदने का काम करता हूँ.”
***
ha ha ha :-)
जवाब देंहटाएं