शनिवार, 5 मई 2012

चुहुल -२२


(१)
एक ८०+ बुजुर्ग दम्पति अपने घर में रहते थे. उनसे मिलने एक रिश्तेदार आया. पति ने दरवाजा खोला, बहुत कोशिश करके उसे पहचाना, बिठाया, फिर अपनी बुढ़िया को आवाज लगाई, ओ जानम, देखो कौन आया है?
बुढ़िया के कान अपनी क्षमता खो बैठे थे, सो उसने नहीं सुना थोड़ी देर में फिर बुड्ढे ने बहुत सोच करके आवाज दी जानू, प्रेम आया है एक गिलास पानी लाना.
बुढ़िया ने फिर भी नहीं सुना तो बुड्ढा खुद उठकर अन्दर जाने लगा तब प्रेम बोला, ताऊ, आप फिजूल में परेशान हो रहे हैं, मुझे प्यास बिलकुल नहीं है. मैं तो इस बात से खुश हूँ कि आप इस उम्र में भी ताई को जानमजानू कहकर पुकार रहे हैं.
बुड्ढा बोला, दरअसल बेटा, बात ये है कि मैं पिछले दस सालों से इसका नाम ही भूल गया हूँ, इसलिए ऐसे ही आवाज देनी पड़ती है.

(२)
एक आदमी तोता खरीदने के लिए पक्षी बाजार में गया. पक्षी बेचने वाला बोला, आज तो मेरे पास दो ही तोते बचे हैं. इनमें से एक तो गाली-अपशब्द बोलता है, जैसे हरामी, कुत्ता, बेईमान आदि, इसकी कीमत मात्र दस रूपये है. दूसरा अच्छी अच्छी बातें बोलता है जैसे, नमस्कार, प्रणाम, खुश रहो, आपके बच्चे खुश रहें, घर में लक्ष्मी रहे, आदि आदि. इसकी कीमत एक हजार रूपये है. आपको जो पसंद हो ले जाइए.
ग्राहक ने शुभकामनायें देने वाला तोता पसंद किया और खरीद कर घर ले आया. घर लाकर परिवार के लोगों तथा पड़ोसियों को बात बताई. शुभ कामनायें सुनाने के लिए उसे घर के चौक पर बिठाया. तोते को शुरू करने के लिए एक पतली डंडी से टच करना शुरू किया. तोता बोला, नमस्कार मित्रों फिर टच करने का क्रम चल पड़ा तोता भी बोलता गया, स्वस्थ रहो, तुम्हारे बच्चे खुश रहे”, खूब पढ़े”, घर में लक्ष्मी रहे”. जब तक टोचते रहे वह अच्छी बातें बोलता गया. लेकिन जब उसका स्टाक खतम हो गया तो वह चुप हो गया. टोचने वाले ने थोड़ा जोर से टोचा लेकिन वह फिर भी नहीं बोला. और जब पूरे जोर से डंडा चुभाया तो वह बोल पड़ा, अबे, साले, हरामी, कुत्ते, कमीने क्या मुझे जान से मारेगा?

(३)
बात पुरानी है, इंग्लेंड में क्रिकेट मैच के दौरान सचिन जब भी बाजार की तरफ जाता था तो फैन्स की वजह से चलना फिरना, खरीददारी करना दूभर हो जाता था. इसलिए वह एक लड़की के गेटअप में फ्राक पहन कर, लिपस्टिक लगाकर, लेडीज बैग लटका कर निकला. रास्ते में एक अफ्रीकन महिला ने रोक कर कहा, हाय सचिन, बड़े क्यूट लग रहे हो
सचिन ने बड़े आश्चर्य से पूछा, आपने मुझे पहचाना कैसे?"
वह महिला अपना विग हटा कर बोली, अबे, मैं काम्बली हूँ.

(४)
एक लड़के ने अच्छी हिन्दी पढ़ ली. विशेषणों का ज्ञान प्राप्त किया कि कु माने बुरा जैसे कुसंगति, कुरीति, कुमति आदि और सु माने अच्छा जैसे सुमति, सुअवसर, सुसंगति आदि. संयोग से उसकी शादी राजस्थान में हो गयी, जहाँ जवांई जी को कुंवर सा कहा जाता है.
जब वह ससुराल गया तो स्वागत में कहा गया, आइये, कुंवर सा जिसे सुन कर वह नाराज हो गया. बोला, "वर के आगे कु के बजाए सु लगाइए.
                            
(५)
एक स्त्री अपने पति से बोली, तुम्हारा दोस्त सुन्दर, जिस लड़की से शादी करने जा रहा है, वह बहुत खराब है. तुमको जाकर उसे मना करना चाहिए.
पति बोला, "मैं हरगिज नहीं जाऊंगा. क्योंकि जब मेरी शादी तुम्हारे साथ हो रही थी, उसने भी तो मुझे मना नहीं किया.".
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