एहसान तो कुत्ते पर भी बहुत
होते हैं,
उसको लाड़ भी बहुत मिलता है,
लेकिन वह दुम हिला देता है,
हवा
नहीं करता है.
तुझे पैदा ही किया है केवल,
तेरी जगह पर बहुत ऊपर है,
बस, बटन दबाने की देर है.
चलने या रुकने के लिये.
मगर ऐसे भी इन्सान बहुत हैं,
जो बड़ी बेहयाई से तोताचश्म बनकर
पैदा करने वाले की आन को-
मिट्टी में मिलाते हैं शान से.
ऐ गुणों के खान
तू माथे पर ही रहेगा इन्सान के
चुका ना पायेगा बदला कभी-
तेरे एहसान का.
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