गुरुवार, 14 जून 2012

चुहुल -25

(१)
गलत नम्बर डायल हो जाने पर, दूसरी तरफ के आदमी से जब पूछा गया, हेलो, कौन? तो उसने बदतमीजी से जवाब दिया, तेरा बाप.

अच्छा पिता जी, घर का सही सही पता बता देते तो मैं दादा जी यानि आपके पूज्य पिता जी को घर पहुँचा देता, फोन करने वाला बोला.

कौन है मेरे पिता जी? उसने पूछ लिया.

मेरा कुत्ता, उत्तर दिया गया.


(२)
एक चतुर नेता जी चुनाव जीतने के बाद पत्नी के सामने शेखी बघार रहे थे. देखा, लोगों को वायदों की ऐसी डोज पिलाता हूँ कि लोग पूरा भरोसा करने लगते हैं. पर वायदे तो वायदे ही रहते हैं," फिर खिलखिला कर बोले, नेताओं पर भरोसा करना ठीक नहीं है. तुम्हारा क्या ख़याल है?
पत्नी बोली, हाँ, ये बात तो सही है. मैं भी आपके भरोसे रहती तो परिवार में बढ़ोत्तरी नहीं हो पाती.


(३)
एक दार्शनिक किस्म के प्रोफ़ेसर ने दिन में ठीक १२ बजे अपनी पत्नी को फोन किया, कोई चोर कार का स्टेयरिंग ही निकाल कर ले गया. अब तुम अपनी गाड़ी लेकर आओ, मुझे लेकर जाओ.

पत्नी जब निर्धारित जगह पर अपनी गाड़ी लेकर पहुँची तो देखती क्या है कि उनकी कार बिलकुल ठीक-ठाक है और प्रोफ़ेसर साहब कार की पिछली सीट पर बेचैन होकर बैठे हैं.


(४)
एक बेशर्म रिश्तेदार मेहमान बन कर आया और १५ दिन हो गए जाने का नाम ही ना ले. पति-पत्नी ने योजना बनाई कि उसके सामने आपस में झूठ-मूठ का झगड़ा-तकरार करेंगे.

सुबह-सुबह दोनों जोर जोर से लड़ने लगे, मैं तुम्हारी नौकरानी नहीं हूँ." 

मैं भी तेरा गुलाम नहीं हूँ. 

सारा दिन खटती रहती हूँ. आग लगे ऐसी गृहस्थी को 

जा, जा, ज्यादा बकवास मत कर. मैं घर छोड़ कर चला जाऊंगा फिर रोती रहेगी


उनकी लड़ाई इस तरह चलती रही. मेहमान ने अपना झोला उठाया और नमस्कार करते हुए बोला, आप लोग इस उम्र में मत लड़िए. मैं जा रहा हूँ.

पति-पत्नी दो मिनट गंभीर होकर बैठे रहे फिर ठहाका मार कर हँसने लगे कि तीर निशाने पर लगा.

इतने में वही मेहमान दरवाजे से अन्दर आ कर बोला, मुझे मालूम था कि आप लोग नाटक कर रहे हैं. मैं भी आपके नाटक में शामिल हो गया. कहो कैसी रही? और वह मुस्कुरा रहा था. पति-पत्नी के चहरे देखने लायक थे.


(५)
एक लड़के ने नई झिलमिलाती रंग-बिरंगी हाफपैंट पहनी हुई थी. उसे देखकर उसका दोस्त बोला, यार, इस हाफपैंट में तो तुम बड़े भद्दे दिखाई दे रहे हो.

लड़के ने झट उत्तर दिया, इसको उतार दूंगा तो तुमको और भी भद्दा नजर आऊँगा.
***

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