(१)
एक रेस्टरां के बाहर बड़े
बड़े अक्षरों में बोर्ड लगा था कि ‘कृपया
अन्दर आइये, जो मर्जी हो खाइए, बिल चुकाने की चिंता बिलकुल ना करे, बिल आपका पोता
चुकायेगा.’
ये पढ़ कर एक उधारिये आदमी
ने सोचा, ‘इससे अच्छा मौक़ा कहाँ मिलेगा?’ वह अन्दर
गया और तरह तरह की व्यंजन मंगवाकर आनंद लेता रहा. अंत में डकार लेकर जब बाहर जाने को
तैयार हुआ तो बेयरा ने पाँच सौ रुपयों का बिल पेश कर दिया.
ग्राहक बोला, “भाई, इस बिल का भुगतान तो मेरा पोता करेगा.”
बेयरा बोला, “साहब, ये आपके खाए का बिल नहीं है, ये तो वो बिल है जो आपके दादा जी खा कर गए थे.”
(२)
एक मॉल के बाहर बोर्ड पर
लिखा था, ‘यहाँ
नकद-उधार दोनों तरह से सामान बिकता है.’
उधारचंद जी को लगा कि इस
बात का लाभ ले लेना चाहिए. वे अन्दर दाखिल हुए. मॉल के अगले पायदान पर दो दरवाजे
थे, एक पर लिखा था, ‘नकद’, और दूसरे पर लिखा था, ‘उधार’.
उन्होंने उधार वाला दरवाजा धकेला और अन्दर हो लिए. पुन: दो दरवाजों का विकल्प था,
एक पर लिखा था ‘शॉर्ट-टाईम उधार’ दूसरे पर लिखा था ‘लॉन्ग-टाईम
उधार.’
मॉल के दरवाजों की खासियत यह थी कि एक ही तरफ, यानि केवल अन्दर को ही खुलते थे. उधारचंद जी अपने पक्के
इरादे के साथ ‘लॉन्ग-टाईम
उधार’ वाले दरवाजे को धकेल कर आगे निकले तो उन्होंने खुद को
बिल्डिंग की पिछवाड़े की गली पर पाया.
(३)
एक बुढ़िया कई दिनों से दांत
के दर्द से परेशान थी. दन्त चिकित्सक के पास जाकर बोली, “डॉक्टर साहब, इसको तो आज उखाड़ ही दो.” डाक्टर ने कहा, “ठीक
है, आज निकाल देते हैं.”
जब डाक्टर ने मुँह को खुला
रखने का जुगाड़ करके, जमूरा लेकर दांत उखाड़ने की जुगत की तो वह बुढ़िया जोरों से
चिल्लाने लगी. डाक्टर को बहुत बुरा लगा. बोला, “अभी तो आप उखाड़ने के लिए बार बार बोल रही थी. मैंने दांत को छुआ तक नहीं है और आप इस कदर
हाय-हाय करने लगी हो.” ये कहते हुए, डाक्टर ने उसके मुँह में फिट किया हुआ
जुगाड़ भी निकाल दिया तो बुढ़िया बोली, “आपने मेरे पैर पर अपना जूता टिका
रखा है, इसे हटाइये.”
(४)
बच्चे ने पापा से पूछा, “पापा, बताओ इस नक्शे में आस्ट्रेलिया कहाँ पर है?”
पापा बोले, “अरे
यार, ये बड़ी मुसीबत है! इस आस्ट्रेलिया को तब से ढूंडा जा रहा है, जब मैं स्कूल में पढ़ता था. अभी तक ये नहीं मिला क्या?”
(५)
एक महिला बहुत ज्यादा पटर-पटर बोलती थी. एक दिन वह अपने पति को डॉक्टर के पास ईलाज के लिए ले गई और बोली, “डॉक्टर साहब, ये नींद में बहुत बोलने लग गए हैं.”
डॉक्टर ने इत्मीनान से कहा, “आप
इनको दिन में बोलने का मौक़ा दिया करो, नींद में बड़बड़ाना अपने आप बन्द हो जाएगा.”
***
सुन्दर लघु कथाएँ ............
जवाब देंहटाएंसभी चुटकुले गुदगुदाने वाले हैं|
जवाब देंहटाएंदांत निकालने वाले पर याद आया कि एक डाक्टर बार बार मरीज को मुंह और खोलने के लिए कह रहा था, दर्द से छटपटाता मरीज बोला, "दांत निकालोगे या मुंह के भीतर घुसोगे?" :)
Sabhi chutkale bahut hi mazedaar hain...
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