भारतवर्ष के इतिहास में ईसा से लगभग ३०० वर्ष पहले एक कल्याणकारी शासक हुए जिनको अशोक महान के नाम से जाना जाता है. वे मौर्य वंश के राजा थे. अपने राज्य की सीमाओं को बढ़ाते हुए जब उन्होंने कलिंग के युद्ध में नरसंहार देखा तो इतने द्रवित हो गए कि इसके बाद उन्होंने कोई युद्ध नहीं किया और अहिंसा के पुजारी हो गए. उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया. उनके द्वारा स्थापित अशोक स्तंभ का चक्र आज भी हमारा राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह है.
इतिहास में उनसे पूर्व या बाद में इसी नाम के कई और लोग भी अवतरित हुए हैं, लेकिन आधुनिक भारत में जिन अशोक नाम के व्यक्तियों का जिक्र मिलता है उनमें सर्वप्रथम सदाबहार फिल्म अभिनेता पद्म भूषण स्व. अशोक कुमार गांगुली उर्फ दादामुनि (१९११-२०००) का ख़याल आता है, जो हर सिनेमा दर्शक के दिलों पर राज किया करते थे.
हर गली मोहल्ले में तलाश करने पर अनेक स्वनामधन्य अशोक उपलब्ध रहते हैं. यह नाम अभी तक बहुत चलन में रहा है. अशोक कुमार, अशोक सिंह, अशोक लाल, अशोक चन्द्र आदि विविध उपनामों से सुसज्जित पाए जाते हैं. हिन्दी साहित्य के मनीषियों में अशोक चक्रधर, अशोक पानि, अशोक धर, अशोक शर्मा आदि अनेक अशोक नाम्नी हैं. इसी क्रम में व्यंग्य लेखक अशोक सन्ड को कैसे भूला जा सकता है
वर्तमान राजनैतिक पटल पर राजस्थान के मुख्यमन्त्री अशोक गहलौत अपना अलग व्यक्तित्व रखते हैं.
एक बड़ी ऑटोमोबाइल कम्पनी अशोक लेलैंड में कार्यरत सीनियर एक्जेक्यूटिव ए.के.नरुला सिर्फ ए.के. के नाम से पुकारे जाते हैं, पर उनकी बूढ़ी माताश्री उनको ठेठ लायलपुरी लहजे में शोक्की ही पुकारा करती है.
मेरे फेसबुक पर अलग अलग उपनामों वाले ५-७ अशोक नामों के मित्र हैं, जब मैंने किसी विशिष्ट के लिए सर्च किया तो मुझे फेसबुक रजिस्टर में सैकड़ों अशोक उपस्थित मिले. केवल हिन्दी क्षेत्रों में ही नहीं धुर दक्षिण व पूर्व के राज्यों में भी यह नाम आज बहुत प्रचलित व ग्राह्य है.
अशोक महान के नाम पर अशोक मार्ग (दिल्ली), विभिन्न शहर-कस्बों में अशोक विहार कालोनियां, अशोक वन, व अशोक होटल देखे जा सकते हैं. जयपुर के सी-स्कीम इलाके में एक मार्ग अशोक मार्ग कहलाता है, जिसमें दोनों तरफ अशोक वृक्षों की कतारें खड़ी हैं. पश्चिमी मध्य प्रदेश का शहर अशोक नगर अपनी अनाज मंडी के लिए प्रसिद्ध है.
ये अशोक महिमा अपरम्पार है.
इतिहास में उनसे पूर्व या बाद में इसी नाम के कई और लोग भी अवतरित हुए हैं, लेकिन आधुनिक भारत में जिन अशोक नाम के व्यक्तियों का जिक्र मिलता है उनमें सर्वप्रथम सदाबहार फिल्म अभिनेता पद्म भूषण स्व. अशोक कुमार गांगुली उर्फ दादामुनि (१९११-२०००) का ख़याल आता है, जो हर सिनेमा दर्शक के दिलों पर राज किया करते थे.
हर गली मोहल्ले में तलाश करने पर अनेक स्वनामधन्य अशोक उपलब्ध रहते हैं. यह नाम अभी तक बहुत चलन में रहा है. अशोक कुमार, अशोक सिंह, अशोक लाल, अशोक चन्द्र आदि विविध उपनामों से सुसज्जित पाए जाते हैं. हिन्दी साहित्य के मनीषियों में अशोक चक्रधर, अशोक पानि, अशोक धर, अशोक शर्मा आदि अनेक अशोक नाम्नी हैं. इसी क्रम में व्यंग्य लेखक अशोक सन्ड को कैसे भूला जा सकता है
वर्तमान राजनैतिक पटल पर राजस्थान के मुख्यमन्त्री अशोक गहलौत अपना अलग व्यक्तित्व रखते हैं.
एक बड़ी ऑटोमोबाइल कम्पनी अशोक लेलैंड में कार्यरत सीनियर एक्जेक्यूटिव ए.के.नरुला सिर्फ ए.के. के नाम से पुकारे जाते हैं, पर उनकी बूढ़ी माताश्री उनको ठेठ लायलपुरी लहजे में शोक्की ही पुकारा करती है.
मेरे फेसबुक पर अलग अलग उपनामों वाले ५-७ अशोक नामों के मित्र हैं, जब मैंने किसी विशिष्ट के लिए सर्च किया तो मुझे फेसबुक रजिस्टर में सैकड़ों अशोक उपस्थित मिले. केवल हिन्दी क्षेत्रों में ही नहीं धुर दक्षिण व पूर्व के राज्यों में भी यह नाम आज बहुत प्रचलित व ग्राह्य है.
अशोक महान के नाम पर अशोक मार्ग (दिल्ली), विभिन्न शहर-कस्बों में अशोक विहार कालोनियां, अशोक वन, व अशोक होटल देखे जा सकते हैं. जयपुर के सी-स्कीम इलाके में एक मार्ग अशोक मार्ग कहलाता है, जिसमें दोनों तरफ अशोक वृक्षों की कतारें खड़ी हैं. पश्चिमी मध्य प्रदेश का शहर अशोक नगर अपनी अनाज मंडी के लिए प्रसिद्ध है.
ये अशोक महिमा अपरम्पार है.
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सच है..
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही
सब कुछ अशोक हो, ऐसी कामना है।
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल १४ /५/१३ मंगलवारीय चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है ।
जवाब देंहटाएंअशोक पर इतनी बिबीधता से कभी नहीं सोचा था ..अच्छा लगा ..सादर मेरे ब्लॉग पे भी आपका स्वागत है
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