बुधवार, 15 मई 2013

चुहुल - ५०

(१)
डॉक्टरों की खराब लेखनी के बारे में यह मिथक बना हुआ है कि अपनी लिखाई कभी कभी वे खुद भी नहीं पढ़ पाते हैं, लेकिन कैमिस्ट/फार्मसिस्ट उसे आसानी से पढ़ लेते हैं.
एक युवती एक मेडीकल स्टोर पर खड़ी थी. भीड़ के कम होने का इन्तजार करती रही. जब सब चले गए तो उसने फार्मसिस्ट से याचना भाव से निवेदन किया कि “मेरे होने वाले पति एक डॉक्टर हैं. क्या आप उनके द्वारा मुझे भेजे गए इस प्रेमपत्र को पढ़ कर सुना देंगे?”


(२)
एक सिनेमा हॉल में पिक्चर देख रहे प्रेमी-प्रेमिका इस कदर बातें कर रहे थे कि बगल में बैठा दर्शक परेशान हो गया. वह उनकी तरफ मुखातिब होकर बोला, “क्या टांय-टांय करे जा रहे हो. सुनने भी नहीं दे रहे हो.”
इस पर प्रेमी बोला, “क्या आप हमसे कुछ कह रहे हैं?”
दर्शक बोला, “जी नहीं, मैं तो सामने के हीरो हीरोइन से कह रहा था कि वे आपकी मजेदार बातों को सुनने नहीं दे रहे हैं.”


(३)
एक अति पतिव्रता स्त्री बड़े आत्मविश्वास के साथ अपनी सहेली को बता रही थी, "हमारे ये तो बिलकुल शराब-दारू को छूते भी नहीं हैं. हाँ अगर कभी पीने का मन हुआ तो पहले मुझे बता देते हैं.”

(४)

एक रसिक कवि ने अपनी कवयित्री प्रेमिका को कई प्रेमपगी कविताओं का गुच्छा एक साथ भेजा और लिखा कि “ये रचनाएं मैंने तुम्हें समर्पित करते हुए लिखी हैं. ये किस प्रवाह में हैं, मैं खुद भी नहीं जानता हूँ. प्रिये, ये बताने का कष्ट करना कि ये किस धारा के अंतर्गत आती हैं.”
उत्तर आया, “आपकी रचनाओं को पढ़ कर मैं इस निष्कर्ष पहुंची कि ये सब गंगा की धारा के उपयुक्त हैं. अत: मैं अभी डाले दे रही हूँ.”

(५)
एक आदमी अपनी मस्ती में घोड़े पर सवार होकर शहर की तरफ जा रहा था. शहर के नजदीक सड़क के किनारे उसे एक आदमी मिला जो डिग्रियाँ बेच रहा था. आवाज लगा रहा था, “बी.ए. की डिग्री एक हजार में!”
घुड़सवार उतरा, और बोला, “एक दे दो.”
डिग्री बेचने वाला बोला, “क्या नाम लिखूं?”
घुड़सवार ने कहा, “अनपढ़ सिंह.”
ज्यों ही वह घोड़े पर सवार होकर जाने लगा तो डिग्री बेचने वाले ने फिर आवाज लगाई, “एम.ए. की डिग्री दो हजार!”
घुड़सवार ने उससे कहा, “एक एम.ए. की डिग्री भी दे दो.”
“आपका ही नाम लिखूं?” डिग्री बेचने वाले ने पूछा.
अनपढ़ सिंह ने कहा, “नहीं, इसमें ‘चंदू’ नाम लिखना.”
“ये चंदू कौन है?” उसने पूछा.
अनपढ़ सिंह बोला, “मेरा घोड़ा.”
डिग्री बेचने वाले को बड़ा आश्चर्य हुआ उसने पूछ लिया “घोड़े के नाम की डिग्री क्यों बनवा रहे हैं?”
अनपढ़ सिंह ने कहा, “लोग देख सकेंगे कि एक एम. ए. पास के ऊपर बी.ए. पास शान से बैठा है.”
***

6 टिप्‍पणियां:

  1. hahaha!! awesome ! what a way to start the day with jokes :)

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  2. गंगा की धारा वाली हैं...........हा हा। बहुत बढ़िया।

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  3. आपकी यह प्रस्तुति कल के चर्चा मंच पर है
    धन्यवाद

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  4. हा हा हां -बहुत सुन्दर प्रस्तुति!

    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
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