आम तौर पर जुड़वां शब्द का प्रयोग दो साथ-साथ पैदा हुए बच्चों के लिए प्रयुक्त होता है. अंग्रेजी में इन्हें ट्विन्स कहा जाता है. कुछ ऐसे भी उदाहरण हैं जहाँ तीन बच्चे एक साथ एक गर्भ से पैदा होते हैं. इन्हें अंग्रेजी में ट्रिप्लेटस् कहा जाता है. प्रकृति का ये अनूठा खेल है. कई बार इससे भी अधिक बच्चे एक साथ पैदा होते हैं.
भारत में हैदराबाद-सिकंदराबाद शहरों को भी ट्विन सीटीज कहा जाता है. मलेशिया में दो सर्बोच्च टॉवरों को भी पेट्रोनस ट्विन टॉवर्स पुकारा जाता है. आतंकवादियों द्वारा ध्वस्त के गए अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर टॉवर्स भी ट्विन्स ही कहलाते थे.
जानवरों की कुछ प्रजातियों में तो एक साथ दो या दो से अधिक बच्चे जनने की बात आम होती है, पर यहाँ बात मनुष्यों के जुडवाँ बच्चों की हो रही है. इन बच्चों में अनेक विशेषताएं होती है. अध्ययनों से पता चला है कि जुडवाँ बच्चों की प्रकृति में बहुत सी समानताएं होती हैं. आत्मिक रूप से कुछ तार जुड़े होते हैं जो परामनोविज्ञान का विषय है. जैसे एक के पेट में दर्द हो रहा हो तो दूसरा भी इसी तरह की हरारत महसूस करने लगता है. अगर दूर-दूर हों तो टेलीपैथी जैसी सोच में एकरूपता पाई जाती है. कुछ विकृतिया भी होती हैं जिनमें जुडवाँ बच्चों के अंग जुड़े होते हैं जो उनके लिए बड़ी समस्याकारक होता है. सौभाग्यशाली बच्चों को सर्जिकल इलाज से अलग कर दिया जाता है लेकिन ये सारी कसरत बहुत कष्टकारी व दुरूह होती है.
पश्चिमी विकसित देशों में कई जगह जुडवाँ बच्चों के लिए अलग से विशिष्ट स्कूल खोले गए हैं. दिल्ली में डी.पी.एस.
आदि कई स्कूलों में प्रवेश के लिए जुडवाँ बच्चों के लिए अतिरिक्त पॉइंट्स रखे गए हैं. इंग्लेंड में एक जुडवाँ बच्चों के स्कूल (नाम मुझे याद नहीं आ रहा है) ने अपने नए-पुराने स्टूडेंट्स का एक मिलन समारोह आयोजित किया था जिसमे अधेड उम्र तक के भाई-बहन, भाई-भाई, या दोनों बहनें गलबहियां ड़ाल कर आनद ले रहे थे.इसकी वीडियो क्लिपिंग मैंने देखी थी.
यहाँ भारत में राजस्थान के करौली (सवाईमाधोपुर जिला) में मुझे एक मित्र-पुत्र की बरात में जाने का सौभाग्य बरसों पहले प्राप्त हुआ था, ये जानकर अच्छा लगा था कि बरात जिनके घर गयी थी वे दो भाई थे, जुडवाँ थे. एक का नाम जोरावर सिंह और दूसरे का नाम भक्तावर सिंह था. वे अभी भी सकुशल होंगे ऐसी कामना है. वे दोनों राज्य सरकार की सेवा में तहसीलदार थे, एक ही दिन की नियुक्ति और तदनुसार एक ही दिन रिटायर भी हो चुके थे. दोनों शक्ल सूरत व प्रकृति में सामान थे. उनके साथ आनंददायक मुलाक़ात रही थी.
मेरी पौत्री प्रज्ञा कहती है कि उसके क्लास में भी एक जोड़ा भाई-बहिन है जो ट्विन्स है, भाई बहन से केवल १२ मिनट बड़ा है. इसी सन्दर्भ में एक मजेदार अदालती केस हिस्ट्री मैंने सुनी थी कि जायदाद के झगड़े में जुडवाँ छोटे भाई (जो बाद में पैदा हुआ था) ने क्लेम किया कि वह दूसरे भाई से पहले माँ के गर्भ में गया इसलिए उसे बड़ा माना जाये. अदालत ने उसके इस तर्क को स्वीकार नहीं किया क्योंकि जिन शुक्राणुओं से उत्पत्ति होती है वे लाखों में एक साथ जन्म की प्रक्रिया में शामिल होते हैं.
हमारी बौलीवुड की अनेक फिल्मो में विरोधाभाषी चरित्र वाले पात्रों को जुडवाँ के रूप में कई बार बड़ी खूबसूरती से चित्रित किया गया है जिनमे यादगार फिल्म राम और श्याम, सीता और गीता जैसी अनेक फिल्मे है.
एक अंगरेजी पत्रिका में एक चुटकुला ट्विन्स के बारे में लिखा था कि एक ट्विन कहता है “मेरा जुडवाँ भाई मुझे बचपन से ही सताता आया था, वह बदमाशी करता था नाम मेरा लगाता था, वह चोरियां करता था सजा मुझे मिलती थी, वह लड़कियों को छेडता था बदनामी मुझे मिलती थी. बड़ा होने पर भी उसके कारनामों से मैं त्रस्त रहता था पर अब मैंने बहुत बढ़िया ढंग से उससे पूरा बदला ले लिया है कि ‘ मैं मर गया था लोग उसे दफ़न कर आये हैं.”
खैर, ये तो हुई चुटकुले वाली बात, जुडवाँ होना एक विशिष्टता की बात तो है ही आपने ‘क्लोनिंग’ वाली बात सुनी-पढ़ी होगी. वैज्ञानिकों ने क्लोनिंग द्वारा बहुत से भेढ-बकरे, गाय या अन्य जानवरों के क्लोन पैदा करने की सफलता पा ली है. इस तकनीक में एक टिश्यू द्वारा नया हूबहू गुण-दोष वाला प्राणी पैदा हो जाता है. मनुष्य की भी क्लोनिंग चुपचाप प्रयोगशालाओं में अवश्य की जा रही होगी. सार्वजनिक रूप से इसका विरोध किया जा रहा है क्योंकि इसमे तर्क दिया जा रहा है कि इससे अनेक सामाजिक समस्याएं पैदा हो जायेंगी. पितृत्व तथा मातृत्व पर प्रश्नचिन्ह लग जायेंगे, लेकिन हर चीज के अच्छाई व बुराई दोनों पहलू होते हैं.
अब ये वैज्ञानिक कार्य तो घड़ी की सुई की तरह है, जो निरंतर आगे ही बढ़ती जाती है पीछे को कभी नहीं चलेगी. मनुष्य ने अपने बुद्धिकौशल से प्रकृति पर विजय पाने की मुहिम छेड़ रखी है. चूँकि अभी वैज्ञानिक युग का प्रथम चरण ही चल रहा है आगे देखिये क्या-क्या होता रहेगा? मैं शुभाकांक्षी हूँ.
***
एक अच्छी और मज़ेदार पोस्ट के लिए आभार समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
जवाब देंहटाएं"मैं मर गया था लोग उसे दफ़न कर आये हैं." यह कथन तो चुटकुला कम हक़ीकत ज़्यादा लगता है।
जवाब देंहटाएं