शनिवार, 27 अक्तूबर 2012

यों रूठा ना करो

शिकवे कबूल लूंगा, तू मुझको बता तो दे,
या कह दे सारी बात, जो उसका पता तो दे.
गुल से पूछा, गुलशन से पूछा, भंवरों ने भी कह दिया- उनको नहीं पता,
शबनम कुछ कहने को थी, मगर मैंने उसको छू दिया- बस यही हुई खता,
                                                                              शिकवे कबूल लूंगा...
सितारे तोड़ दूंगा, तू पर्दा उठा तो दे,
जन्नत को लूट लूंगा, तू पलकें उठा तो दे.
हवाओं से पूछा, फिजाओं से पूछा, मौसम ने भी कह दिया- उनको नहीं पता,
बादल कुछ कहने को था मगर पहले ही रो दिया- कुछ भी नहीं सका बता,
                                                                                शिकवे कबूल लूंगा ...
ये जान अब है तेरी, गर्दन उठा तो दे,
दिल काट तुझको दूंगा, खंजर उठा तो दे. 
मैंने इनसे पूछा, मैंने उनसे पूछा, जमाना यों हँस दिया- उनको नहीं पता,
अरे, खुदा से पूछने को था मगर, मैंने तुझको पा लिया- और क्या बचा बता?
                                                                                शिकवे कबूल लूंगा ...

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8 टिप्‍पणियां:

  1. शनिवार, 27 अक्तूबर 2012

    यों रूठा ना करो
    शिकवे कबूल लूंगा, तू मुझको बता तो दे,
    या कह दे सारी बात, जो उसका पता तो दे.
    गुल से पूछा, गुलशन से पूछा, भंवरों ने भी कह दिया- उनको नहीं पता,
    शबनम कुछ कहने को थी, मगर मैंने उसको छू दिया- बस यही हुई खता,
    शिकवे कबूल लूंगा...
    सितारे तोड़ दूंगा, तू पर्दा उठा तो दे,
    जन्नत को लूट लूंगा, तू पलकें उठा तो दे.
    हवाओं से पूछा, फिजाओं से पूछा, मौसम ने भी कह दिया- उनको नहीं पता,
    बादल कुछ कहने को था मगर पहले ही रो दिया- कुछ भी नहीं सका बता,
    शिकवे कबूल लूंगा ...
    ये जान अब है तेरी, गर्दन उठा तो दे,
    दिल काट तुझको दूंगा, खंजर उठा तो दे.
    मैंने इनसे पूछा, मैंने उनसे पूछा, जमाना यों हँस दिया- उनको नहीं पता,
    अरे, खुदा से पूछने को था मगर, मैंने तुझको पा लिया- और क्या बचा बता?
    शिकवे कबूल लूंगा ...

    मनुहार का राग का गीत ,राग मल्हार .गा मन बार बार यूं ही गा ,कुछ तो आए करार .बहुत बढिया प्रस्तुति .

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  2. मनुहार का राग का गीत ,राग मल्हार .गा मन बार बार यूं ही गा ,कुछ तो आए करार,मनुवा हमार . .बहुत बढिया प्रस्तुति .शिकवे क्या सब कुछ क़ुबूल लूंगा .

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  3. अहा, बहुत ही प्यारी और कोमल अभिव्यक्ति..

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  4. अरे, खुदा से पूछने को था मगर, मैंने तुझको पा लिया- और क्या बचा बता?
    शिकवे कबूल लूंगा ...बहुत खूब!

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