शिकवे कबूल लूंगा, तू मुझको बता तो दे,गुल से पूछा, गुलशन से पूछा, भंवरों ने भी कह दिया- उनको नहीं पता,
या कह दे सारी बात, जो उसका पता तो दे.
शबनम कुछ कहने को थी, मगर मैंने उसको छू दिया- बस यही हुई खता,
शिकवे कबूल लूंगा...
सितारे तोड़ दूंगा, तू पर्दा उठा तो दे,हवाओं से पूछा, फिजाओं से पूछा, मौसम ने भी कह दिया- उनको नहीं पता,
जन्नत को लूट लूंगा, तू पलकें उठा तो दे.
बादल कुछ कहने को था मगर पहले ही रो दिया- कुछ भी नहीं सका बता,
शिकवे कबूल लूंगा ...
ये जान अब है तेरी, गर्दन उठा तो दे,मैंने इनसे पूछा, मैंने उनसे पूछा, जमाना यों हँस दिया- उनको नहीं पता,
दिल काट तुझको दूंगा, खंजर उठा तो दे.
अरे, खुदा से पूछने को था मगर, मैंने तुझको पा लिया- और क्या बचा बता?
शिकवे कबूल लूंगा ...
***
बहुत खूब ....
जवाब देंहटाएंशनिवार, 27 अक्तूबर 2012
जवाब देंहटाएंयों रूठा ना करो
शिकवे कबूल लूंगा, तू मुझको बता तो दे,
या कह दे सारी बात, जो उसका पता तो दे.
गुल से पूछा, गुलशन से पूछा, भंवरों ने भी कह दिया- उनको नहीं पता,
शबनम कुछ कहने को थी, मगर मैंने उसको छू दिया- बस यही हुई खता,
शिकवे कबूल लूंगा...
सितारे तोड़ दूंगा, तू पर्दा उठा तो दे,
जन्नत को लूट लूंगा, तू पलकें उठा तो दे.
हवाओं से पूछा, फिजाओं से पूछा, मौसम ने भी कह दिया- उनको नहीं पता,
बादल कुछ कहने को था मगर पहले ही रो दिया- कुछ भी नहीं सका बता,
शिकवे कबूल लूंगा ...
ये जान अब है तेरी, गर्दन उठा तो दे,
दिल काट तुझको दूंगा, खंजर उठा तो दे.
मैंने इनसे पूछा, मैंने उनसे पूछा, जमाना यों हँस दिया- उनको नहीं पता,
अरे, खुदा से पूछने को था मगर, मैंने तुझको पा लिया- और क्या बचा बता?
शिकवे कबूल लूंगा ...
मनुहार का राग का गीत ,राग मल्हार .गा मन बार बार यूं ही गा ,कुछ तो आए करार .बहुत बढिया प्रस्तुति .
जवाब देंहटाएंमनुहार का राग का गीत ,राग मल्हार .गा मन बार बार यूं ही गा ,कुछ तो आए करार,मनुवा हमार . .बहुत बढिया प्रस्तुति .शिकवे क्या सब कुछ क़ुबूल लूंगा .
अहा, बहुत ही प्यारी और कोमल अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंबहुत बढियाँ.....
जवाब देंहटाएं:-)
वाह...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..
अनु
अरे, खुदा से पूछने को था मगर, मैंने तुझको पा लिया- और क्या बचा बता?
जवाब देंहटाएंशिकवे कबूल लूंगा ...बहुत खूब!
बहुत खूब लिखा है | सुंदर |
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