झुन झुन कटोरा (via thinkingparticle.com) |
यह उस निजाम नाम के भिश्ती का मकबरा है, जिसे मुग़ल बादशाह हुमायूं ने एक दिन के लिए बादशाहत दी थी. किस्सा यों है कि हुमायूं जब शेरशाह सूरी से जंग हार गया और अपनी जान बचाने के लिए घोड़े पर सवार होकर भाग रहा था, रास्ते में एक नदी आई थी, जिसमें उसका घोड़ा डूब कर मर गया. तब निहत्थे हुमायूं को निजाम भिश्ती ने अपने मशक के सहारे नदी पार कराया था. बाद में जब हुमायूं दोबारा शासन में आया तो उसने निजाम की खोज खबर करवाई और वह मिल भी गया. उसकी इच्छा पर उसे एक दिन के लिए बादशाह बनाया गया. निजाम भिश्ती ने अपने मशक के टुकड़े कटवा कर सिक्कों के रूप में जारी किया. मुग़ल कालीन इतिहास में इस मजेदार घटना को अहसानमंदी के रूप में लिखा गया है. अकबरनामा में भी इसका जिक्र है.
निजाम की मृत्यु के बाद उसको इज्जत बख्शने के लिए उसका गोल गुम्बज वाला एक छोटा सा मकबरा बनवाया गया. तब वहां आने जाने वालों के पीने के लिए एक मशक में पानी भर कर रखा रहता था. पानी पीने के लिए एक चांदी का कटोरा रखा रहता था. लोग भेंटस्वरूप यानि कि टिप के रूप में कटोरी में कौडियाँ डाल जाते थे, जो कि कटोरा हिलाने पर झुनझुने की तरह बजते थे. इसीलिये लोगों की जुबान पर झुन झुन कटोरा नाम चढ गया. कहते हैं कि पिछले कई वर्षों से वहां कोई पर्यटक नहीं फटका. शायद प्रचार की कमी रही होगी.
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रोचक इतिहास..
जवाब देंहटाएंरोचक जानकारी
जवाब देंहटाएंवाह बढ़िया जानकारी के लिए शुक्रिया |
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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कमाल की जानकारी दी आपने ... आगरा तो अक्सर जाना होता है और हो न हो इस मकबरे के पास से भी कई बार निकालना हुआ होगा ... पर इस के बारे मे आज जानकारी मिली ... आभार !
जवाब देंहटाएंअगली बार आगरा जाने पर यहाँ का एक चक्कर जरूर लगाऊँगा !
अंहं. नई जानकारी है. धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंबढ़िया ऐतिहासिक जानकारी
जवाब देंहटाएंlatest post"मेरे विचार मेरी अनुभूति " ब्लॉग की वर्षगांठ
जानकारी के लिए आभार .....आपके लेख बहुत ज्ञानवर्धक होते है .
जवाब देंहटाएंRochak jaankari
जवाब देंहटाएंऐतिहासिक और बेहतरीन जानकारी के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंनये लेख : "चाय" - आज से हमारे देश का राष्ट्रीय पेय।
भारतीय रेलवे ने पूरे किये 160 वर्ष।
अरे वाह! बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति ...रोचक जानकारी के साथ !!
जवाब देंहटाएंपधारें बेटियाँ ...
बहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंkai bar jaankari ke abhaw men bhi log nahi jaa pate ....acchhi prastuti...
जवाब देंहटाएंयह मकबरा भी गुमनाम हो चला होगा. आपका बहुत बहुत आभार कि आपने इतिहास के इसपहलू पर प्रकाश डाला.
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