बुधवार, 12 दिसंबर 2012

चुहुल - ३९

(१)
सुदूर जंगल के निकट किसी गाँव में एक शहरी मेहमान आया. उसने देखा गाँव में कौवों की आबादी जरूरत से ज्यादा दिख रही है. उसने आतुर होकर एक ग्रामवासी से पूछ डाला, “तुम्हारे गाँव में कितने कौवे हैं?”
ग्रामवासी ने तुरन्त बताया, “गाँव में कुल १२५ कौवे हैं.”
आगंतुक को बड़ा आश्चर्य हुआ कि उस व्यक्ति ने इस तरह कौवों की सटीक संख्या कैसे बता दी! उसने उत्सुकतावश फिर पूछा, "अगर गिनती में कम ज्यादा निकले तो?”
गाँव वाले ने कैफियत दी, “अगर कौवे गिनती में कम निकले तो समझना कि शेष कौवे मेहमान बन कर अन्य गाँवों में गए होंगे, और ज्यादा निकले तो मानना कि तुम्हारी तरह ही मेहमान बन कर हमारे गाँव में आये हैं.”

(२)
प्रेमी बोला, “तुम्हारे छोटे भाई ने मुझे तुमको चूमते हुए देख लिया है, वह घर में चुगली तो नहीं करेगा?”
प्रेमिका ने इत्मीनान से कहा, “उसे आप केवल पाँच रूपये देकर चुप करा सकते हैं. इस तरह की हरकत देखने पर वह अक्सर पाँच रुपयों में ही खुश हो जाता है."

(३)
एक चित्रकार शहर के निकट किसी गाँव में आकर एक किसान की खूबसूरत झोपड़ी को देखकर उसे अपने कैनवास पर उतारने लगा तो किसान ने उससे पूछ लिया कि “इस चित्र का तुम क्या करोगे?”
चित्रकार बोला, "इस चित्र को मैं शहर में होने वाली प्रदर्शनी में रखूँगा, हजारों लोग इसे देखेंगे.”
किसान बोला, “तो मेहरबानी करके इसके नीचे यह भी लिख देना कि 'यह किराए के लिए खाली है.'"

(४)
एक नवविवाहिता पर उसके पति को ज्यादा ही लाड़ आ रहा था बोला, “तुम आराम करो, आज खाना में बना देता हूँ.”
खाना वास्तव में बहुत लजीज बना था. पत्नी ने तारीफ़ करते हुए कहा “आप तो बहुत बढ़िया खाना बना लेते हैं. जरूर आपने अपनी माता जी से सीखा होगा.”
इस पर पति बोला, “माँ से नहीं पिता जी से सीखा है."

(५)
एक पत्नी हर बात पर मर्दों को ‘बेचारा’ कहा करती थी. एक दिन उसके पति ने उससे पूछ ही लिया, "तुम हमेशा मर्दों को ‘बेचारा-बेचारा’ क्यों कहा करती हो?”
पत्नी बोली, “क्योंकि मर्द बेचारा हवाई जहाज बना सकता है, रेल मार्ग बना सकता है, बड़े बड़े पुल व बिल्डिंगें बना सकता है, विश्वयुद्ध लड़ सकता है, पर बेचारा अपनी कमीज का टूटा हुआ बटन नहीं टांग सकता.”

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