आर्मी के एक कर्नल साहब को अपने राइफल द्वारा निशाने लगाने की महारत हासिल थी. एक बार सिपाहियों के प्लाटून के समक्ष उन्होंने एक बहादुर सिपाही को आगे बुला कर दीवार के सहारे खड़ा होने का आदेश दिया. उसके अगल-बगल निशाना लगा कर गोली दाग दी. गोली से उसके शर्ट पर भी थोड़ा निशान पड़ गया. कर्नल साहब ने बोला “वैल जवान! कोई परवाह नहीं, हम तुमको अपना शर्ट देगा.”
पीछे से एक अन्य सिपाही जोर से बोला, “सर पैन्ट भी देनी पड़ेगी.”
“क्यों?” कर्नल साहब ने पूछा.
जवाब मिला, “इसने पैन्ट खराब कर दी है.”
(२)
पति-पत्नी सड़क पर घूमने जा रहे थे. सामने से एक गधा आता हुआ देखा तो पति महोदय को चुहुल सूझी बोले, “देखो तुम्हारे रिश्तेदार आ रहे हैं.”
पत्नी भी कम चुहुलबाज नहीं थी. झट घूँघट लम्बा कर लिया.पति ने पूछा, “घूँघट क्यों ले लिया?”
पत्नी ने कहा, “देखते नहीं ससुर जी आ रहे हैं."
(३)
एक लड़का डाक्टर के पास गया बोला, “डाक्साब मुझे सपने बहुत आते हैं, बड़ा परेशान हूँ.”
“किस तरह के सपने आते हैं?” डाक्टर ने पूछा.
लड़के ने बताया, “सोते ही क्रिकेट खेलने लगता हूँ.”
डाक्टर ने एक दवा की गोली देते हुए कहा, “इसे सोने से आधे घन्टे पहले ले लेना, सपने नहीं आयेंगे.”
लड़का बोला, “मैं आज नहीं ले सकता हूँ.”
“क्यों,” डाक्टर ने पूछा.
लड़का बोला, “आज मेरी सेंचुरी बनने वाली है.”
(४)
एक भद्र महिला अपने पांच बच्चों के साथ रेल की द्वितीय श्रेणी में सफर कर रही थी. सामने की सीट पर एक व्यक्ति आकर बैठ गया और सिगरेट पीने लगा. महिला ने ऐतराज किया पर उसने सिगरेट पीना बंद नहीं किया.
महिला ने गुस्से में कहा, “आपको मालूम होना चाहिए कि सरकारी क़ानून है रेल में धूम्रपान वर्जित है.”
वह बोला, “पता है बहन जी, पर सरकार का कहा कौन मान रहा है? सरकार तो कहती है, 'एक या दो बच्चे’ और आप खुद पांच लिए जा रही हैं."
***
***
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें