मंगलवार, 11 अक्तूबर 2011

स्टीव पॉल जॉब्स - एक दीदावर


संचार क्रान्ति के एक महानायक स्टीव पॉल जॉब्स ने ५६ वर्ष की उम्र में एक सप्ताह पहले ५ अक्टूबर को इस संसार से विदा ले ली. वे अग्न्याशय के कैंसर से पीड़ित थे. वे एक महान आविष्कारक तथा सफल उद्योगपति थे पर उनके बचपन की कहानी बड़ी विलक्षण व अभावग्रस्त थी.   

एक बच्चा जर्मन+स्विस मूल की अविवाहित छात्रा जे. सिम्पसन व सीरियाई छात्र अब्दुल फ़तेह जिन्दाली की औलाद थी, जो पैदा होने से पहले ही गोद दिए जाने की प्रक्रिया से गुजरा. जिस वकील परिवार में गोद जाना था उनको लड़की चाहिए थी इसलिए लड़का पैदा होने पर दूसरे परिवार को बच्चा गोद देने के लिए फोन किया गया.
ये पति-पत्नी क्लारा व पॉल जॉब्स साधारण माध्यम वर्गीय परिवार वाले थे. पॉल जॉब्स हाईस्कूल पास भी नहीं था. इसलिए बच्चे की माँ ने एक बार तो गोद देने से मना कर दिया पर बाद में बच्चे को कालेज तक पढाने के आश्वासनों के बाद दे दिया. ये सब इसलिए हुआ कि सिम्पसन के पिता अब्दुल फ़तेह से रिश्ता करने के खिलाफ थे.
लेकिन बाद में उनका विवाह हो गया, तब तक बालक के नाम के आगे जॉब्स शब्द जुड़ चुका था.

नई माँ क्लारा जोब्स कहीं अकाउन्टेंट का काम करती थी और पॉल जॉब्स एक मशीनिस्ट था. अपनी हैसियत से ज्यादा खर्च करके उन्हींने स्टीव को महंगे कालेज में पढ़ने के लिए भेजा पर वहाँ की पढाई में उसका मन नहीं लगा. उसने कैलीग्राफी तथा टाइपोग्राफी की कक्षाएं ज्वाइन की, यही बाद में उसके जीवन की उपलब्धियों का जरिया बना. पिता पॉल जॉब्स ने उसको इलैक्ट्रोनिक्स के बारे में बहुत कुछ जानकारी दी. उसने बीस वर्ष की उम्र में अपने दोस्त वोज के साथ मिलकर कैलीफोर्निया के सिलिकोन वैली स्थित अपने घर के गैराज में एप्पल कंपनी की शुरुआत की. पहला पर्सनल कम्पूटर बाजार में उतारा, आई पाड व आइ फोन जैसे पोर्टेबल उपकरण दुनियाँ को दिए.

उसने खुद कहा कि गरीबी व संघर्ष के दिनों में उसने छुट्टियों के दौरान कोक बेच कर भोजन जुटाया. यहाँ तक कि अच्छा भोजन पाने के लिए वह सात मील दूर एक हरेकृष्ण मंदिर में जाकर सप्ताह में होने वाले लंगर में पहुंचता था.

स्टीव जॉब्स के आविष्कार ने संचार जगत में जबरदस्त क्रान्ति ला दी. वह अमेरिका के अमीरों की लिस्ट में ४३वे नम्बर पर आ गया.

एप्पल कपनी के सह संस्थापक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी के अलावा वह पिक्सर एनीमेसन स्टूडियो का भी CEO.रहा वाल्ट डिस्नी कम्पनी के डाईरेक्टर तथा फिल्म टॉय स्टोरी के सह निर्माता भी बने. एक बार एप्पल में विवाद पर उनको कंपनी से बाहर भी होना पड़ा. उस बीच उन्होंने मेकनटास कंपनी बनाई जो बाद में एप्पल में ही शामिल हो गयी, इस प्रकार वे पुन एप्पल के सर्वे सर्वा बन गए.

उन्होंने भारत जा कर बौद्ध धर्म की दीक्षा ली. लारेंन पावेल से शादी की. अभी उनके तीन पुत्रियां और एक पुत्र है.

उधर उनके जैविक माता-पिता की भी एक बेटी बाद में पैदा हुई. अब्दुल फ़तेह जिन्दाली ने स्टीव से मिलने के कई प्रयास किये पर स्टीव जोब्स को ये गंवारा नहीं था. वह उनसे कभी नहीं मिला.

इस महान आत्मा को दुनिया भर के प्रबुद्ध लोगों ने हार्दिक श्रद्धांजलियां अर्पित की हैं. उसका इतनी जल्दी चला जाना मानवता के लिए बहुत बड़ी क्षति है.
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